बदरीनाथ में नंदा अष्टमी मेला शुरू
संवाद सूत्र, बदरीनाथ: बामणी गांव में तीन दिवसीय नंदा अष्टमी मेला शुरू हो गया है। इस मेले में नीलकंठ पर्वत की तलहटी से लाए गए ब्रह्मकमल से मां नंदा का श्रृंगार किया जाएगा। मेले में शिरकत करने के लिए विदेशी श्रद्धालु भी बदरीनाथ का रुख कर रहे हैं।
बदरीनाथ के निकट बामणी गांव के नंदा देवी मंदिर में प्रत्येक वर्ष नंदा अष्टमी पर मेला लगता है। मंगलवार को तीन दिवसीय मेले के शुभारंभ अवसर पर नंदा देवी मंदिर में भक्तों ने पूजा अर्चना की। इस अवसर पर मां नंदा के जागरों के अलावा महिलाओं ने दांकुड़ी नृत्य का प्रदर्शन भी किया गया। मां नंदा की पूजा अर्चना शुरू करने से पहले नीलकंठ पर्वत की तलहटी पर गए फुलारी कंडियों में ब्रह्मकमल लेकर आए। सबसे पहले मां के दरबार में यही फूल चढ़ाए गए। मान्यता है कि ब्रह्मकमल के अंदर भंवरे के रूप में मां नंदा निवास करती है। मेले के शुभारंभ अवसर पर नंदा के पश्वा मोहन प्रसाद भट्ट, कैलाश के पश्वा गोविंद राणा, घंटाकर्ण के पश्वा संजीव भंडारी, ग्राम प्रधान सतेश्वरी देवी समेत कई लोग शामिल थे। दूसरी ओर जोशीमठ के भ्यूंडार व डाडों गांव में भी नंदा मंदिर में भक्तों ने मां नंदा की पूजा अर्चना की। इधर, लाता की 64 मुखी नंदा देवी परसारी से बड़गांव होते हुए लाता गांव पहुंच गई है। लाता में मां नंदा की डोली का स्वागत कर ब्रह्कमल मां को चढ़ाए गए।
मां को लगाया नए अनाज का भोग
कर्णप्रयाग: क्षेत्र में नंदाष्टमी पाती का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों ने मां नंदा को नए अनाज का भोग लगाकर पूजा में भाग लिया। लंगासू चंडिका मंदिर, सोनला, कंडारा, मैखुरा, खंडूरा सहित बिचला चांदपुर पट्टी आदि क्षेत्रों में नंदाष्टमी पर धार्मिक अनुष्ठान में लोगों ने भाग लिया। इसी तरह गौचर में तीन दिनों तक अपने मायका पनाई सेरा मंदिर में रही कालिंका देवी मंगलवार को अपने ससुराल भट्टनगर मंदिर में प्रवेश कर गयी। कार्यक्रम में बलवंत सिंह नेगी, दीवान सिंह, जय सिंह नेगी, हरीश भंडारी आदि उपस्थित थे। वहीं देवल स्थित देवराडी देवी मंदिर में तीन दिवसीय मेले के दूसरे दिन खेल स्पर्धाओं में स्कूली छात्रों ने प्रतिभाग किया। इसी तरह सिमली के चमोला,डिम्मर, रतूडा व खंडूरा में नंदाष्टमी पर भारी संख्या में ग्रामीणों ने मंदिरों में पूजा कर नए अनाज का भोग लगाया।