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शिविर में छात्रों को दी अधिकारों की जानकारी

दशोली विकासखंड के अंतर्गत जीआइसी बेरांगना में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में जिला जज आलोक कुमार वर्मा और सीजेएम शिवाकांत द्विवेदी और न्यायिक मजिस्ट्रेट नीरज कुमार ने छात्रों को उनके अधिकारों की जानकारी दी।

By BhanuEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2015 10:44 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2015 10:49 AM (IST)
शिविर में छात्रों को दी अधिकारों की जानकारी

चमोली। दशोली विकासखंड के अंतर्गत जीआइसी बेरांगना में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में जिला जज आलोक कुमार वर्मा और सीजेएम शिवाकांत द्विवेदी और न्यायिक मजिस्ट्रेट नीरज कुमार ने छात्रों को उनके अधिकारों की जानकारी दी।
इस मौके पर जिला जज आलोक कुमार वर्मा ने कहा कि बच्चों की पहली पाठशाला घर है। जहां संस्कार मिलते हैं। इसके बादविद्यालय में उन्हें ज्ञान मिलता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को उनके अधिकारों से वंचित रखना अपराध है। लिहाजा बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। ताकि बचपन से ही उनमें कानून की जानकारी हो। साथ ही वे जीवन के पथ पर आगे बढ़ कर बुलन्दियों को छुएं।

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सीजेएम शिवा कान्त द्विवेदी ने कहा कि अगर बच्चों के स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए मिड डे मिल उपलब्ध कराया जा रहा है तो यह उनका अधिकार है। उन्होंने कहा कि जब हम अपना अधिकार मांगते हैं तो दूसरे के लिए उसका कर्तव्य भी याद दिलाते हैं।
न्यायिक मजिस्ट्रेट नीरज कुमार ने बच्चों व युवा पीड़ी में मोबाइल से बढ़ रहे अपराधों पर चिंता व्यक्त कर सजग रहने को कहा। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष तक अभिभावक ही बच्चों के संरक्षक हैं।
इस मौके पर पैरा लीगल वालिंटियर उमा शंकर बिष्ट को हाइकोर्ट से बेहतर कार्य के लिए दिया गया सम्मान भी जिला जज के हाथों सौपा गया। इस मोके पर ज्ञानेंद्र खंतवाल, गोविंद सिंह बिष्ट, उमा शंकर बिष्ट, सुनीता सेमवाल आदि ने अपने विचार रखे।
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