ग्रामीणों ने गांव सुरक्षा को उठाया बीड़ा
हरीश बिष्ट, गोपेश्वर: प्रशासन से कई बार मन्नतें की। सरकार से भी कई बार गुहार लगाई, लेकिन चार वर्ष
हरीश बिष्ट, गोपेश्वर:
प्रशासन से कई बार मन्नतें की। सरकार से भी कई बार गुहार लगाई, लेकिन चार वर्ष पूर्व भूस्खलन की चपेट में आए गडोरा ग्राम सभा के डबराल नगर गांव की आज तक किसी ने सुध नहीं ली। हालत यह है कि गांव के नीचे हो रहे भूस्खलन से 25 परिवारों के इस गांव में अधिकतर भवनों पर दरारें आ चुकी हैं। मकान पर दबाव आने से घरों के दरवाजे बंद नहीं हो पा रहे हैं। अब ग्रामीण गांव को बचाने के लिए चंदा एकत्रित कर श्रमदान से सुरक्षा दीवार का निर्माण कर रहे हैं।
वर्ष 2013 की आपदा से प्रखंड दशोली की गडोरा ग्राम सभा के डबराल नगर के नीचे भूस्खलन शुरू हो गया। गांव के ऊपर से बहने वाले घटगाड़ नाले ने आग में घी का काम किया और भूस्खलन को और ज्यादा बढ़ा दिया। जिससे भूस्खलन का मलबा लोगों के घरों में घुस रहा है। मलबे के चलते लोगों के घरों में दरारें आ गई हैं। इतना ही नहीं गदेरे के पानी ने गांव के नीचे भी भूस्खलन शुरू कर दिया है। समस्या के निस्तारण के नाम पर प्रशासन ने वर्ष 2016 में घटगाड़ गदेरे से गांव की सुरक्षा के लिए तीन लाख रुपये आवंटित भी किए, लेकिन इस राशि में सिर्फ नाले से मिट्टी ही हट पाई, यानि समस्या का कोई निस्तारण नहीं हो पाया।
भूस्खलन से राजकीय इंटर कॉलेज को खतरा गडोरा के भवन को भी खतरा पैदा हो चुका है। इस विद्यालय भवन के शौचालय व मुख्य भवन में भी दरारें पड़ी हुई है। इस विद्यालय में 400 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। जिनके सिर पर भी खतरा मंडरा रहा है। अब ग्रामीणों ने श्रमदान कर घटगाड़ गदेरे के दोनों ओर दीवार निर्माण शुरू कर दिया है। दीवार पक्की बनाई जाए इसके लिए सीमेंट, बजरी खरीदने के लिए चंदा भी एकत्रित किया जा रहा है। गडोरा गांव की उप प्रधान बोधनी देवी का कहना है कि 2013 में आपदा के दौरान गांव के नीचे भूस्खलन शुरू हुआ जो अब वृहद स्तर पर बढ़कर गांव के लिए खतरा बन चुका है। गांव के संतोष डबराल का कहना है कि शासन प्रशासन की बेरुखी के बाद अब ग्रामीणों ने श्रमदान व चंदा एकत्रित कर नाले का ट्रीटमेंट का कार्य प्रारंभ किया है।