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आपदा से बचाव में स्थानीय लोगों की भूमिका अहंम

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: क्षेत्र पंचायत सभागार में एसडीआरएफ देहरादून से आए दल सदस्यों ने महिला व युव

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Mar 2017 05:37 PM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2017 05:37 PM (IST)
आपदा से बचाव में स्थानीय लोगों की भूमिका अहंम
आपदा से बचाव में स्थानीय लोगों की भूमिका अहंम

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: क्षेत्र पंचायत सभागार में एसडीआरएफ देहरादून से आए दल सदस्यों ने महिला व युवक मंगल दलों जनप्रतिनिधियों को आपदा से पूर्व दो दिवसीय आपदा प्रबंधन व बचाव विषय पर प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रथम दिवस बचाव संबधी जानकारी दी।

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इस मौके पर मुख्य अतिथि एसडीएम कर्णप्रयाग केएन गोस्वामी ने कहा कि पहाड़ में आपदा का कोई पूर्वानुमान नही हो सकता , ऐसे में एसडीआरएफ जवान ग्रामीणों को समय-समय पर प्रशिक्षण देकर आपदा पूर्व बचाव की जानकारी देते हैं। इस मौके पर एसडीआरएफ के मुख्य प्रशिक्षक कुंदनराम आर्य ने जनप्रतिनिधियों को भूकंप, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों व दुर्घटना के समय संयम रखने के साथ प्रभावितों को आकस्मिक चिकित्सा सुविधा सहित प्रशासन को समय पर जानकारी देते कहा कि आपदा प्रभावित को ढाढ़स बंधा कर उसे सबसे पहले सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना प्राथमिकता होनी चाहिए और पहाड़ की विपरीत परिस्थितियों में यदि बाढ़ व भूस्खलन, दुर्घटना के घायलों को समय पर उपचार आदि की व्यवस्था बन सके तो राहत मिल सकती है। इस मौके पर ग्राम प्रधान हरीश चौहान, सुमन डिमरी, प्रधानसंघ अध्यक्ष खिलदेव सिंह ने आपदा प्रबंधन व बचाव पर अपने अनुभव साझा करते कहा कि पहाड़ में आपदा से पीड़ित को समय पर राहत नही मिल पाती और पूर्व तैयारियां खोखली साबित होती है।


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