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पेट में 'आग', पर चूल्हे 'ठंडे'

हरीश बिष्ट, गोपेश्वर पहले केंद्र सरकार ने धनराशि आवंटन में कंजूसी दिखाई और अब मनरेगा कार्यालय की ओ

By Edited By: Published: Fri, 31 Jul 2015 07:43 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2015 07:43 PM (IST)

हरीश बिष्ट, गोपेश्वर

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पहले केंद्र सरकार ने धनराशि आवंटन में कंजूसी दिखाई और अब मनरेगा कार्यालय की ओर से मुख्य डाकघर के गलत खाते में धनराशि डालने की वजह से मनरेगा मजदूरों का भुगतान लटका हुआ है। मनरेगा योजना में नियमानुसार मजदूरों का भुगतान न होने से जिले में मनरेगा कानून की धज्जियां उड़ रही है। नियमानुसार कार्य के 14 दिन बाद मजदूरी का भुगतान जरूरी है। लेकिन, यहां तो एक वर्ष बीत गए और अब तक मजदूरों का भुगतान नहीं हुआ।

चमोली जिले में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में कुल 73660 मजदूर पंजीकृत हैं। मनरेगा कानून 2008 में साफ है कि भारत सरकार की इस योजना में मजदूरी करने के 14 दिनों बाद हर हाल में मजदूरी का भुगतान किया जाना जरूरी है। लेकिन, चमोली जिले में मनरेगा कानून का पालन नहीं हो रहा है। असल में पहले केंद्र सरकार स्तर से मनरेगा योजना के धन वितरण में लेट लतीफी की गई। इससे भी मजदूरों का भुगतान लंबे समय तक लटका रहा। अप्रैल 2015 में मनरेगा मजदूरी का भुगतान ऑनलाइन किया गया। लेकिन, मनरेगा कार्यालय की लापरवाही के कारण आज तक मजदूरों के खातों में धनराशि नहीं आई है। वर्ष 2014-15 की बात करें तो 39 करोड़ के सापेक्ष भारत सरकार से धनराशि समय पर न आने के कारण अभी तक 27.95 करोड़ की ही मजदूरी का भुगतान हो पाया है। जून माह में मनरेगा कार्यालय को 10 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई। नियमानुसार इस राशि को मुख्य डाकघर के क्रेडिट खाते में जमा होना था। लेकिन, बताया गया कि मनरेगा कार्यालय की ओर से मुख्य डाकघर के डेबिट एकाउंट में यह राशि डाल दी गई। अब क्रेडिट एकाउंट में राशि डालने के लिए भारत सरकार को पत्र भेजा गया है।

चूल्हा जलाने का संकट

मजदूरी का भुगतान न होने के कारण मनरेगा मजदूरों का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया है। विकासखंड घाट के बूरा निवासी क्षेत्र पंचायत सदस्य वीरेंद्र राम का कहना है कि वर्ष 2014 में गांव के 25 मनरेगा मजदूरों ने योजना के तहत मजदूरी की। लेकिन, एक वर्ष बाद भी मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है।

ये है ऑनलाइन प्रक्रिया

ऑनलाइन प्रक्रिया के अंतर्गत डोंगल से मनी ट्रांसफर आर्डर कार्यक्रम अधिकारी के माध्यम से जारी किया जाता है। एक अप्रैल 2015 से लागू की गई ऑनलाइन प्रक्रिया में धनराशि सीधे बैंक या पोस्ट ऑफिस के माध्यम से मनरेगा मजदूरों के खातों में पहुंचती हैं।

पोस्ट आफिस में आ रही दिक्कतें

सरकार ने मनरेगा मजदूरों का भुगतान ऑनलाइन तो कर दिया गया है। लेकिन, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले में एकमात्र मुख्य डाकघर ही सीबीएस है। मनरेगा कार्यालय की ओर से मुख्य डाकघर में धनराशि डालने के बाद मुख्य डाकघर की ओर से ग्रामीण क्षेत्र के पोस्ट आफिसरों में धनराशि भेजने में देरी के चलते भी मनरेगा मजदूरों के खातों तक समय से धनराशि नहीं पहुंच पा रही है।

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मनरेगा कानून के हिसाब से कार्य के दौरान 14 दिनों में हर हाल में भुगतान का नियम है। यदि 14 दिन में भुगतान नहीं होता है तो मजदूर मुआवजा लेने का हकदार है। मुआवजे का भुगतान संबंधित अधिकारी से जुर्माने के रूप में वसूलने का प्रावधान भी है।

उमाशंकर बिष्ट, पैरालीगल स्वयंसेवक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चमोली

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अप्रैल माह से मनरेगा मजदूरी के ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फंड ट्रांसफर आर्डर के तहत पोस्ट आफिस को 10 करोड़ का भुगतान किया गया है।

पुष्पेंद्र चौहान, प्रभारी जिला विकास अधिकारी व परियोजना निदेशक डीआरडीए चमोली

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मनरेगा कार्यालय की ओर से पोस्ट ऑफिस को अभी तक धनराशि भेजी ही नहीं गई है। धनराशि आते ही तुरंत मजदूरों के खातों में धनराशि डाल दी जाएगी। मुख्य डाकघर के डेबिट खाते में कुछ धनराशि आई है। उसे देखा जा रहा है।

केएस मेहता, डाक अधीक्षक मुख्य डाकघर गोपेश्वर, चमोली


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