चिपको आंदोलन की धरा पर महकेगा कलाम वन
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: सबके चहेते काका कलाम नहीं रहे, मगर उनकी स्मृतियों से धरा हमेशा जीवंत रहेगी।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: सबके चहेते काका कलाम नहीं रहे, मगर उनकी स्मृतियों से धरा हमेशा जीवंत रहेगी। यही जीवंतता अब चिपको आंदोलन की धरती में भी दिखाई देगी। पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाने वाले चिपको आंदोलन के जन्म स्थल में कलाम वन तैयार किया जा रहा है। चर्चित पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने डॉ. कलाम की यादों और प्रेरणा को जिंदा रखने के लिए कलाम वन की नींव रखी है।
गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित चंडी प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में गोपेश्वर गांव के निकट 1.5 हेक्टेयर भूमि पर कलाम वन की नींव डाली गई। इस बंजर भूमि पर प्रशासन और स्थानीय लोगों ने आंवला, बहेड़ा, शहतूत आदि प्रजातियों की पौध रोपी। इस अभियान की शुरुआत पौराणिक गोपीनाथ मंदिर परिसर से की गई। चंडी प्रसाद भट्ट ने एक पौध रोपकर अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में अपनी चमक बिखेरने वाले कलाम की स्मृतियां इन वनों के जरिये हमेशा ताजा रहेंगी। उन्होंने लोगों से पर्यावरण संरक्षण को आंदोलन के तौर पर स्वीकार करने की अपील की। इस मौके पर मौजूद जिलाधिकारी अशोक कुमार ने भी भट्ट ने बातों से इत्तेफाक रखते हुए कहा कि इन वनों के संरक्षण से हम काका कलाम को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। उन्होंने वसुंधरा को हरा-भरा रखने के लिए पौधरोपण कार्यक्रमों को जरूरी बताया। इस खास मौके पर डॉ. एसएन भट्ट, पुष्पा पासवान, नगर पालिका अध्यक्ष संदीप सिंह रावत, पूर्व अध्यक्ष प्रेमबल्लभ भट्ट समेत कई लोग उपस्थित थे।