'नारायण' ले रहे 'नर' की परीक्षा
संवाद सूत्र, बदरीनाथ: बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने के बाद भी यात्रियों में अपार का उत्साह
संवाद सूत्र, बदरीनाथ: बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने के बाद भी यात्रियों में अपार का उत्साह देखा जा रहा है। भगवान नारायण से मिलने को आतुर तीर्थयात्री क्षतिग्रस्त मार्ग की परवाह किए बगैर ही जय बदरी विशाल के जयकारे लगाकर धाम में पहुंच रहे हैं। हालांकि बारिश के मौसम को देखते हुए दर्शनों के बाद यात्री यहां ठहरने के बजाय सीधे वापस लौट रहे हैं। यात्रियों की कम संख्या के कारण बदरीनाथ धाम में सन्नाटा पसरा हुआ है। यात्रा के न चलने से अधिकतर व्यवसायी भी वापस घरों को लौटने लगे हैं।
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेनाकुली बैंड में 100 मीटर हाईवे अभी भी ध्वस्त है। हालांकि मौसम साफ रहने के बाद यहां पर सीमा सड़क संगठन की ओर से मलबा हटाकर सड़क के ऊपरी भाग से कच्ची मिट्टी वाली पहाड़ी काटी जा रही है। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही हाईवे खोल दिया जाएगा। बेनाकुली समेत लामबगड़, रड़ांग बैंड, कंचनगंगा, हाथीपहाड़ आदि स्थानों पर हाईवे अभी भी खतरनाक बना हुआ है। बावजूद इसके तीर्थयात्री खराब मार्ग की परवाह किए बगैर बदरीनाथ धाम पहुंचकर नारायण के दर्शन कर रहे हैं। हनुमानचट्टी के पास देवांगनी मंदिर से बेनाकुली के आखिरी हिस्से तक एक किमी की पैदल दूरी तय करते वक्त बदरी विशाल के जयकारों से यह घाटी गुंजायमान हो रही है। यहां पर एसडीआरएफ, पुलिस व होमगार्ड के जवान यात्रियों की मदद कर रहे हैं।
नासिक महाराष्ट्र में ज्योति इंस्ट्रक्चर कंपनी के अधिकारी मिलिंद मथुरै (57 वर्ष) अपने छह दोस्तों के साथ रविवार को बदरीनाथ धाम पहुंचे। श्री मथुरै का कहना है कि वह मन में बदरीनाथ धाम तक पहुंचने का संकल्प लेकर आए थे। हालांकि हाईवे के जगह जगह क्षतिग्रस्त होने से कुछ दिक्कतें जरूरी हुई। लेकिन भगवान बदरी विशाल का ही आशीर्वाद है कि वे उनके दर्शन कर सकुशल वापस लौट रहे हैं। पेशे से किसान मुरैना मध्य प्रदेश निवासी श्रीपद (55 वर्ष) अपनी पत्नी इंद्रा देवी समेत 30 सदस्यों के साथ रविवार को बदरीनाथ धाम पहुंचे। उनका कहना है कि जिन स्थानों पर हाईवे क्षतिग्रस्त है वहां एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड के जवान यात्रियों की मदद कर रहे हैं। नारायण के आशीर्वाद से धाम पहुंचने में उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। गुलबर्गा कर्नाटक निवासी पेशे से एलआइसी अभिकर्ता बसवराज पाटिल (45 वर्ष) अपने तीन दोस्तों के साथ बदरीनाथ के दर्शन कर वापस लौटे। श्री पाटिल का कहना है कि बदरीनाथ धाम की यात्रा सुरक्षित है। उनका कहना है कि मौसम के समय समय पर बदलने से जरूर उनके मन में भय बना हुआ था।