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बंदियों के भी है कानूनी अधिकार : सीजेएम

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला कारागार पुरसाड़ी में विधिक स

By Edited By: Published: Sat, 30 May 2015 05:39 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2015 05:39 PM (IST)

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला कारागार पुरसाड़ी में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कर बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी दी गई।

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शिविर को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवाकांत द्विवेदी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को गरिमामय जीवन जीने का अधिकार है। बंदियों को भी कानूनी अधिकारों का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला न्यायालय में कैदी न्यायालय के संरक्षण में हैं। इसलिए उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। इस बात का ध्यान न्यायालय प्रबंधन को रखना होगा। उन्होंने बंदियों से पूर्व में किए गए अपराधों से सबक लेकर अपने आचरण में सुधार लाते हुए बेहतर जीवन जीने की भी अपील की। न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित कुमार शर्मा ने कहा कि कारागार में बंदियों को सभी मूलभूत सुविधाएं मिलनी जरूरी है। बंदियों को कारागार में ही रोजगार के भी अवसर दिए जा रहे हैं। पैरालीगल स्वयं सेवक व हिमाद समिति के सचिव उमाशंकर बिष्ट , अधिवक्ता ज्ञानेंद्र खंतवाल ने बंदियों को जमानती, गैर जमानती, संज्ञेय, असंज्ञेय अपराधों के बारे में जानकारी दी। उप कारागार निरीक्षक केआर चौहान ने बताया कि बंदियों को सुविधाएं देने के लिए कारागार प्रबंधन तन्मयता से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि बंदियों के लिए कारागार में खेल, मनोरंजन की सुविधाएं दी जा रही है।


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