हिमखंड के नीचे अलकनंदा के अलौकिक दर्शन
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : शीतकाल में जमकर हुई बर्फबारी से पवित्र अलकनंदा नदी अभी भी कई स्थानों पर हिम
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : शीतकाल में जमकर हुई बर्फबारी से पवित्र अलकनंदा नदी अभी भी कई स्थानों पर हिमखंड के नीचे से बह रही है। ऐसे में बदरीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालु बदरी विशाल के दर्शन के साथ हिमखंड के नीचे छिपी अलकनंदा के अलौकिक दर्शन भी कर पाएंगे।
उत्तराखंड के चार धामों में बदरीनाथ धाम का विशेष महत्व है। यही वजह है कि इस धाम को भू-बैकुंठ धाम के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो देश-विदेश के श्रद्धालु बदरीनाथ धाम में भगवान के दर्शनों के बाद देश के अंतिम गांव माणा, बसुधारा जल प्रपात, भीम पुल, व्यास व गणेश गुफा आदि तीर्थस्थलों व पर्यटक स्थलों की सैर भी करते हैं। लेकिन, इस बार बदरीनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को कुछ नया दिखेगा। बदरीनाथ मंदिर के निकट से कलकल बह रही पवित्र अलकनंदा नदी कई स्थानों पर हिमखंड के नीचे से बह रही है, जिसके अलौकिक दर्शन श्रद्धालु कर पाएंगे। असल में शीतकाल में इस बार बदरीनाथ धाम में जमकर बर्फबारी हुई। इससे अलकनंदा नदी के ऊपर भारी भरकम हिमखंड जमे हुए हैं।
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इन स्थानों पर हिमखंड के नीचे बह रही है अलकनंदा
-कंचनगंगा व देवदर्शनी के बीच तकरीबन 500 मीटर क्षेत्र में अलकनंदा नदी हिमखंड के अंदर से बह रही है। यहां पर रुककर यात्री कंचनगंगा में हिमखंड के नीचे से बह रही अलकनंदा के भी दर्शन कर सकते हैं।
- रड़ांग प्रथम बैंड पर अलकनंदा नदी हिमखंड के अंदर 100 मीटर लंबे क्षेत्र में लुप्त हो गई है। यहां रुककर भी श्रद्धालु रड़ांग के हिमखंडों के दर्शन कर सकते हैं।
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बदरीनाथ धाम में इस बार शीतकाल में जमकर बर्फ गिरी है। ऐसे अवसर बहुत कम बार देखे गए हैं, जब अलकनंदा नदी हिमखंडों के अंदर दबी हो। श्रद्धालु ऐसे स्थान पर रुककर अपनी यादें कैमरों में कैद करते हैं।
जयदीप मेहता, निवासी बामणी गांव
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पहले भी कई बार ऐसे मौके आए हैं जब लंबे चौड़े क्षेत्र में अलकनंदा नदी हिमखंड के अंदर से बहती रही हो। चमोली जिले में आने वाले पर्यटकों को ऐसे स्थानों पर भेजने के लिए आकर्षित किया जाएगा।
सोबत सिंह राणा, जिला पर्यटन अधिकारी चमोली