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शंकराचार्य की गद्दी और गाडू घड़ा पहुंचे पांडुकेश्वर

संवाद सूत्र, बदरीनाथ: अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री-यमुनोत्री और शुक्रवार को केदारनाथ के कपाट खुलने

By Edited By: Published: Fri, 24 Apr 2015 05:10 PM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2015 05:10 PM (IST)
शंकराचार्य की गद्दी और गाडू घड़ा पहुंचे पांडुकेश्वर

संवाद सूत्र, बदरीनाथ: अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री-यमुनोत्री और शुक्रवार को केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद अब 26 अप्रैल को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया के तहत आज जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर से रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के नेतृत्व में शंकराचार्य की गद्दी व गाडू घड़ा यात्रा पूजा अर्चना के बाद योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंची। इस धार्मिक यात्रा में एक हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हैं।

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शुक्रवार को प्रात: नृसिंह मंदिर जोशीमठ में बदरीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल के नेतृत्व में वेदपाठियों ने गाडू घड़ा शंकराचार्य की गद्दी (पालकी डोली)की पूजा अर्चना के साथ गणेश पूजन भी किया गया। नवदुर्गा मंदिर, वासुदेव मंदिर में भी बदरीनाथ के रावल ने पूजा अर्चना की गई। सेना के बैंड की मधुर धुनों व महिलाओं ने मांगलिक गीत गाकर पालकी डोली व गाडू घड़े को विदा किया। जोशीमठ से रवाना होने के बाद सांय को गाडू घड़ा व शंकराचार्य पालकी पांडुकेश्वर पहुंची। इस दौरान जगह जगह यात्रा का फूल वर्षा के साथ स्वागत किया गया। शनिवार को प्रात: 10 बजे कुबेर, उद्धव जकी डोली व शंकराचार्य की गद्दी, गाडू घड़ा यात्रा बदरीनाथ के लिए रवाना होगी। बदरीनाथ में कुबेर की डोली बामणी गांव में रात्रि विश्राम करेंगे वहीं शंकराचार्य की गद्दी परिक्रमा स्थल पर विराजमान की जाएगी। उद्धव की डोली रावल निवास पर रखी जाएगी। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह, वेदपाठी सत्य प्रसाद चमोला, राधाकृष्ण थपलियाल, ब्लॉक प्रमुख प्रकाश रावत समेत कई लोग शामिल थे।


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