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बदरीनाथ धाम तैयार, हाईवे अवरुद्ध

संवाद सूत्र, बदरीनाथ: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने में अब तीन दिन रह गए हैं। यात्रा तैयारियां भी अ

By Edited By: Published: Wed, 22 Apr 2015 05:50 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2015 05:50 PM (IST)
बदरीनाथ धाम तैयार, हाईवे अवरुद्ध

संवाद सूत्र, बदरीनाथ: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने में अब तीन दिन रह गए हैं। यात्रा तैयारियां भी अब अंतिम चरण में हैं। श्री बदरीनाथ धाम में कुबेर गली, श्रद्धालु स्थल और मंदिर परिसर से सटे स्थलों से बर्फ हटाने का काम पूरा कर लिया गया है। हालांकि बदरीनाथ हाईवे अभी कंचनगंगा में बाधित है। सीमा सड़क संगठन इसे दुरुस्त करने में जुटे हैं, यहां पर सड़क खुलवाना चुनौती बना हुआ है। यात्रा को लेकर इस बार उत्साह देखने को मिल रहा है। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह का कहना है कि अब तक दो हजार से अधिक लोग मंदिर समिति से यात्रा को लेकर जानकारियां अलग अलग माध्यमों से ले चुके हैं। 100 से अधिक श्रद्धालु विशेष पूजा बुक करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम व केदारनाथ धाम की यात्रा सुरक्षित है और यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पूरी व्यवस्थाएं की गई हैं।

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बदरीनाथ धाम में धर्मशालाओं, होटलों में बुधवार तक पांच हजार लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। हालांकि अभी निजी धर्मशाला व होटलों के खुलने में सड़क बाधा बन रही है। कारोबारियों को हाईवे खुलने का इंतजार है।

श्री बदरीनाथ धाम के परिक्रमा स्थल सहित पंचशिला क्षेत्र से बर्फ हटाकर बदरीनाथ मंदिर तक आवाजाही सुचारु हो गई है। कुबेर गली के साथ ही श्रद्धालुओं के लाइन में खड़े होने वाले स्थान से भी बर्फ हटाने का काम पूरा कर लिया गया है। बताते चलें कि कुबेर देवता कपाट खुलने वक्त इसी गली से मंदिर में प्रवेश करते हैं। पुलिस थाने से साकेत तिराहे होते हुए मंदिर तक भी मार्ग से बर्फ हटा दी गई है। अलबत्ता, हाईवे अवरुद्ध होने के कारण टूटे हुए टिन शेडों की मरम्मत शुरू नहीं हो पाई।

श्री बदरीनाथ धाम में होटल, ढाबों की बात करें तो अभी निजी होटल, ढाबे अभी एक भी नहीं खुले हैं। हां, मंदिर समिति ने अपने स्तर पर श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं कर रखी हैं। हाईवे जरूर टेंशन दे रहा है। स्थिति यह है कि तीन दिनों से कंचनगंगा में छह डोजर हिमखंडों को हटाने के काम में जुटे हैं। भारी भरकम हिमखंड होने के कारण अभी तक बीआरओ हाइवे को नहीं ढूंढ़ पाया है। बीआरओ द्वारा जेपी कंपनी की भी मदद ली गई है। बदरीनाथ कंचनगंगा से दो किमी दूर है। ऐसे में स्थानीय लोग, व्यवसायियों को पैदल बदरीनाथ जाने के लिए एसडीआरएफ के जवान मदद करा रहे हैं।

सीमा सड़क संगठन के द्वितीय कमान अधिकारी मेजर रूपज्योति दास का कहना है कि कंचनगंगा हिमखंड में 40 फीट बर्फ हटाने के बाद भी सड़क नहीं मिल पाई है। बीआरओ की कोशिशें जारी हैं।


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