स्वाइन फ्लू पर प्रशासन सतर्क नहीं
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: स्वाइन फ्लू को लेकर चमोली जिला प्रशासन सतर्कता नहीं बरत रहा है। स्वास्थ्
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर:
स्वाइन फ्लू को लेकर चमोली जिला प्रशासन सतर्कता नहीं बरत रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने भी अपील कर पल्ला झाड़ लिया है। स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए धरातल पर कोई कार्य नहीं हो रहे हैं।
उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू अपनी दस्तक दे चुका है। जिले में भी इस बीमारी के पैर पसारने की आशंका है। मुख्यालय गोपेश्वर में सुअरों के झुंड के झुंड सार्वजनिक स्थानों पर लगातार विचरण कर गंदगी फैला रहे हैं। सुअर पालकों ने सुअरों को बाड़े में रखने के बजाए खुला छोड़ा गया है। बावजूद इसके नगर पालिका और प्रशासन आंखें मूंदे हैं।
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स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू (एच1 एन1) वायरस से होता है। यह यह वायरस मानव शरीर में आसानी से संक्रमित हो जाता है। ठंड लगना, 100 डिग्री या इससे अधिक बुखार, खांसी, भूख कम लगना, नाक से अधिक स्राव, मांशपेसियों में दर्द, तेज सिर दर्द, बेचैनी इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
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दिल्ली पर है सैंपल परीक्षण का भार
स्वास्थ्य विभाग को स्वाइन फ्लू के इलाज में काम आने वाली दवा टेमीफ्लू के 50 कैप्सूल मिल गए हैं। लेकिन, सैंपल के परीक्षण के लिए पूरे राज्य में कोई व्यवस्था नहीं है। दिल्ली की लैब पर ही सैंपल परीक्षण का भार है।
ऐसे करें बचाव
-नाक व मुंह ढककर रखें
-बार बार हाथ धोएं
-जहां तक हो भीड़ वाले स्थानों से दूरी बनाए रखें
-सांस लेने में तकलीफ हो, अचानक चक्कर आएं या बार बार उल्टी होने लगे तो तुरंत चिकित्सक के पास जाएं
-स्वच्छ पानी का ही प्रयोग करें
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'सूअरों को बाड़े में ही रखने के लिए सूअर पालकों को निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों का पालन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।'
शांति प्रसाद भट्ट, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद गोपेश्वर, चमोली
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'स्वाइन फ्लू से निटपने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिला चिकित्सालय में आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया है। इस बीमारी की जांच के लिए भी किट उपलब्ध करा दिए गए हैं। साथ ही दवाइयां भी जिला चिकित्सालय में उपलब्ध कराई गई हैं।'
डॉ.अजीत गैरोला, मुख्य चिकित्सा अधिकारी चमोली