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पहले दिन गणेश मंदिर के कपाट बंद, पंचपूजाएं शुरू

संवाद सूत्र, बदरीनाथ: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पहले दिन गणेश

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 01:05 AM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 01:05 AM (IST)

संवाद सूत्र, बदरीनाथ: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पहले दिन गणेश मंदिर के कपाट बंद किए गए। इसके अलावा मंदिर में पंचपूजाओं की शुरुआत भी हुई।

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श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 27 नवंबर को दोपहर 3:35 बजे बंद किए जाएंगे। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से रविवार से कपाट बंद करने की परंपरागत प्रक्रियाएं शुरू कर दी गई है। रविवार को प्रात: प्रतिदिन की तरह भगवान बदरी विशाल के कपाट खोलने के बाद अभिषेक, महाभिषेक समेत अन्य पूजाएं की गई। उसके बाद भगवान नारायण को बालभोग, राजभोग लगाया गया। दोपहर 12 बजे मंदिर बंद होने के बाद तीन बजे मंदिर के कपाट फिर खोले गए। उसके बाद पंचपूजाओं की प्रक्रिया शुरू की गई। पहले दिन वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मंदिर परिक्रमा स्थित गणेश मंदिर में विराजमान भगवान गणेश की पूजा अर्चना की गई। उसके बाद गणेश भगवान की मूर्ति को प्रार्थना मंडप में ले जाया गया। यहां भी पूजा अर्चना व वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच गणेश मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी की उपस्थिति में सभी पूजाएं धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने संपन्न कराई। धर्माधिकारी ने कहा कि गणेश मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही श्री बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस अवसर पर मंदिर अधिकारी भूपेंद्र मैठाणी, वेदपाठी राधाबल्लभ, सत्य प्रसाद चमोला, राधाकृष्ण थपलियाल, कृपाल सनवाल समेत कई श्रद्धालु उपस्थित थे।

कपाट बंदी के कार्यक्रम

24 नवंबर : प्रात: 10 बजे आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट होंगे बंद

25 नवंबर: बदरीनाथ धाम में वेद ऋच्चाओं के उच्चारण पर विराम

26 नवंबर: महालक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना व कड़ाही भोग का आयोजन। भगवान बदरी विशाल करेंगे मां लक्ष्मी से गर्भगृह में आने का आह्वान

27 नवंबर: उद्धव व कुबेर की गर्भगृह से विदाई, मां लक्ष्मी के गर्भगृह में प्रवेश के बाद कपाट बंद।


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