ब्लड सैंपल भेजे श्रीनगर लैब
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: वायरल फीवर के संक्रमण से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिला चिकित्सालय में एक वार्ड को आरक्षित किया है। मरीजों की देखभाल के लिए चिकित्सालय में मौजूद विशेषज्ञ चिकित्सकों की हर समय मदद ली जा रही है। विभागीय टीम ने वायरल प्रभावित गांव जाकर सौ मरीजों का ब्लड सैंपल लेकर बेस अस्पताल श्रीनगर भेज दिया है।
चमोली जिले में मानसून के साथ ही वायरल फीवर के पैर पसारने से स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। अब तक तीन गांवों में वायरल फीवर की चपेट में आने से 200 से अधिक ग्रामीण बीमार हैं। वायरल का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने दो गांवों में स्वास्थ्य टीम तो भेज दी है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से उबला पानी पीने की सलाह दी है।
पोखरी के कलसीर गांव में वायरल फीवर से एक बच्ची की मौत हो चुकी है। जोशीमठ के दाड़मी गांव में वायरल फीवर से ग्रसित पांच बच्चों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। मंगलवार को कर्णप्रयाग के मैखुरा गांव में भी वायरल फीवर से लोगों के बीमार होने की सूचना मिली है। स्वास्थ्य विभाग ने वायरल संक्रमिक गांवों में टीम भेज दी है। डिप्टी सीएमओ बीएस पाल के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम कलसीर गांव गई है। कलसीर गांव में 60 लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत है। वहां दवाइयों का वितरण किया गया है। 100 से अधिक ग्रामीणों के ब्लड सैंपल लेने के बाद उन्हें मेडिकल कालेज की माइक्रो बायोलाजी लैब श्रीनगर भेजा गया है। वहीं दाड़मी गांव में जोशीमठ सीएचसी से चिकित्सकों की टीम भेजी गई है। यहां भी 40 लोगों के बुखार व उल्टी, दस्त से पीड़ित होने की शिकायत है। स्वास्थ्य विभाग को विकासखंड कर्णप्रयाग के मैखुरा गांव में भी वायरल फीवर की सूचना मिली है। यहां100 से अधिक लोग संक्रमण की चपेट में हैं। सीएमओ डॉ.अजीत गैरोला ने बताया कि कर्णप्रयाग से चिकित्सा टीम को दवाइयों सहित मौके पर जाने के निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ ने कहा कि वायरल फीवर से पीड़ित लोग तत्काल स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल रूम को सूचना दें या फिर पीड़ितों को नजदीक के चिकित्सालय में लाएं।
ये सावधानियां बरतें
-उबला हुआ पानी ही पिएं
-एक बाल्टी पानी में एक क्लोरीन की गोली डालकर ही पानी पिएं
-बासी भोजन से परहेज करें
-पीने का पानी इस्तेमाल करने से पहले पेयजल टैंक में ब्लीचिंग डालें