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खुद ही बीमार है स्वास्थ्य विभाग

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 09:45 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 09:45 PM (IST)
खुद ही बीमार है स्वास्थ्य विभाग

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली जिले में डॉक्टरों की कमी से स्वास्थ्य महकमा खुद ही बीमार है। वायरल फीवर फैलने के बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में मरीजों के इलाज में दिक्कतें आ रही है।

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जिले में फिजीशियन का महत्वपूर्ण पद 10 साल से रिक्त है। वहीं हृदय रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ के पद भी लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं।

चमोली जिले में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का असर मरीजों पर पड़ना स्वाभाविक है। पोखरी के कलसीर गांव में वायरल फीवर से पीड़ित बच्ची को जिस प्रकार समय पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाई। यही कारण रहा कि गंभीर अवस्था में देहरादून इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हुई है। इस घटना से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर सवाल उठने लाजमी हैं। जिला चिकित्सालय का हाल यह है कि फिजीशियन, महिला रोग विशेषज्ञ, निश्चेतक, कार्डियोलॉजिस्ट सहित कई विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त होने से लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। जिला चिकित्सालय के हालत यह है कि यह रेफरल सेंटर से ज्यादा कुछ नहीं है। यही हाल जिले के महत्वपूर्ण यात्रा मार्ग के चिकित्सालयों का भी है। कर्णप्रयाग, जोशीमठ, बदरीनाथ में विशेषज्ञ चिकित्सकों के न होने से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ स्थानीय लोगों सहित यात्रियों को भी नहीं मिल पाया है।

अस्पतालों की स्थिति

ट्रामा सेंटर में स्वीकृत चिकित्सकों के पद- 11

तैनात- 0

जिले में चिकित्सकों के कुल स्वीकृत पद-140

तैनात-40

चिकित्सकों की तैनाती के लिए समय समय पर शासन को लिखा जा रहा है। रोटेशन के अनुसार विशेषज्ञ चिकित्सकों की मांग भी की गई है। चिकित्सकों की कमी के बाद भी स्वास्थ्य विभाग बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के प्रयास कर रहा है।

डॉ.अजीत गैरोला, सीएमओ चमोली


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