ननिहाल को नहीं बनाया पड़ाव
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : मां नंदा देवी राज राजेश्वरी सिद्धपीठ देवराड़ा को नंदा देवी राजजात यात्रा पड़ाव न बनाए जाने पर ग्रामीणों ने नाराजगी व्यक्त की है। ग्रामीणों का कहना है कि देवराड़ा नंदा देवी का ननिहाल होने के बावजूद सरकार व प्रशासन ने इसे यात्रा पड़ाव घोषित न कर इस क्षेत्र की उपेक्षा की है।
इस संबंध में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को एक बार फिर से शिकायती पत्र भेजा है। ज्ञापन में मंदिर समिति कुरुड़ के अध्यक्ष मंशाराम गौड़, मंदिर समिति देवराड़ा के सचिव भुवन चंद्र हटवाल आदि लोगों का कहना है कि सिद्धपीठ देवराड़ा हमेशा से आस्था का केंद्र रहा है। बताया कि छह माह जहां नंदा देवी सिद्धपीठ कुरुड़ में रहती है वहीं छह माह अपने ननिहाल सिद्धपीठ देवराड़ा में निवास करती है। उन्होंने बताया कि नंदा देवी राजजात यात्रा का होमकुंड में समापन होने के बाद देवी नंदा की डोली पूजा अर्चना के बाद देवराड़ा मंदिर में विराजमान होती है। शिकायती पत्र देने वालों में राजेश गौड़, राजेंद्र सिंह, प्रताप सिंह, शिव सिंह आदि शामिल हैं।
नंदा सिद्धपीठ कुरुड़ का यात्रा कार्यक्रम तय
-नंदा देवी सिद्धपीठ कुरुड़ का यात्रा कार्यक्रम तय कर दिया गया है। मंदिर कमेटी कुरुड़ के अध्यक्ष मंशाराम गौड़ ने बताया कि 20 अगस्त को सिद्धपीठ कुरुड़ से डोली चरबंग जाएगी। 21 अगस्त को कुंडबगड़, धरगांव, घाट, फाली होते हुए उस्तोली, 22 अगस्त को सरपाणी, लांखी से भेंटी, 23 अगस्त को स्यांरी बंगाली होते हुए डुंग्री, 24 अगस्त को केरा, मैना से सूना, 25 अगस्त को थराली, राड़ीबगड़ होते हुए चेपड़ों, 26 अगस्त को कोठी से नंदकेसरी जाएगी। 27 अगस्त को पूर्णा, देवाल, इच्छोली, हाट होते हुए फल्दियागांव, 28 अगस्त को कांडे, पिखड़ा, ल्वाणी, बगड़ीगाड़ से मुंदोली, 29 अगस्त को लोहाजंग से वाण, 30 अगस्त को रणकधार से गैरोली पातर, 31 अगस्त को डोली वेदनी पहुंचेगी। एक सितंबर को पातरनचौणियां, दो सितंबर शिलासमुद्र, तीन सितंबर होमकुंड वापसी के बाद जामुनडाली में रात्रि विश्राम होगा। चार सितंबर को सुतोल, पांच सितंबर वाण, कुलिंग, छह सितंबर ल्साणी, सात सितंबर उलंग्रा, आठ सितंबर बेराधार, नौ सितंबर गोठीना, 10 सितंबर क्वराड़, 11 सितंबर डाखेली व 12 सितंबर को नंदा देवी की डोली भेंटा से देवराड़ा पहुंचेगी।