गोपेश्वर की चंडिका देवी ने किया प्रयाग स्नान
संवाद सहयोगी, कर्णप्रयाग : बैशाखी के अवसर पर पिंडर व अलकनंदा के संगम पर दूर-दराज से आए ग्रामीणों ने डुबकी लगाकर मंदिरों में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर गोपश्वर से भ्रमण पर निकली मां चंडिका देवी की डोली यात्रा में चल रहे पश्वाओं ने भी सुबह अलकनंदा व पिंडर संगम में स्नान कर पूजा-अर्चना की। इस मौके पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी रही।
इसके अलावा नारायणबगड़ के पंती क्षेत्र में आयोजित देदांणथल मेला धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों ने पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की। इसी के साथ क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर लगने वाले मेलों का भी आगाज हो गया। पंती क्षेत्र में वैशाखी पर्व पर होने वाला देदांणथल मेला पौराणिक काल से समूचे क्षेत्र का मानव व देव मिलन का केन्द्र रहा है। यहां आदिगुरू शंकराचार्य के बनाए शिव मंदिर में क्षेत्र के मींग गांव से मींगेश्वर महादेव, कौब से कोबेश्वर, मालेश्वर, असेड के महादेव मृत्युंजय महादेव, हंसकोटी की भगवती, विनायक, खैनोली, बैनोली से लाटू व भूमियाल देवता के देव निशान व डोलियां पहुंचकर गंगा स्नान कर नृत्य के बाद अपने निर्धारित मूलस्थलों पर पहुंचते हैं। इस अवसर पर आयोजित एक दिवसीय मेले में ग्रामीण पहुंचकर पूजा-अर्चना कर सुख शांती की कामना करते हैं। आचार्य लक्ष्मी प्रसाद कहते हैं कि देदांणथल मेला पौराणिक काल से देव व मानवों का आपस में मिलन का केन्द्र बिन्दु रहा है। सोमवार से प्रारंभ हुए मेले से विभिन्न मेलों का आगाज भी हुआ जिसके तहत मींग व माल में 15 अप्रैल, खैनोली मेला 16 अप्रैल, असेड़ मेला 17 अप्रैल, हंसकोटी, कौब व मलियाल 18 व कुंवारी मेला आयोजित होगा।