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निजाम बदलते ही बदले फैसले

By Edited By: Published: Fri, 22 Mar 2013 01:06 AM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2013 01:07 AM (IST)
निजाम बदलते ही बदले फैसले

जागरण प्रतिनिधि, गोपेश्वर: बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति में निजाम बदलते ही फैसले भी बदलने लगे हैं। सिंहद्वार पर शुभंकर चिह्न को लेकर अल्फाबेटिकली राज्यों को मौका देने के फैसले को पलटकर अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश को शुभंकर के लिए आमंत्रित किया है। साफ है कि अगर यूपी की सहमति हुई तो इस बार आंध्र प्रदेश व अरुणाचल के बजाय उत्तर प्रदेश का शुभंकर अमृत कलश सिंहद्वार के दोनों ओर शोभा बढ़ा सकता है।

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देश की धार्मिक राजधानी बदरीनाथ धाम अनादि काल से अनेकता में एकता का संदेश देता रहा है। वर्ष 2012 में बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने सिंहद्वार के दोनों ओर राज्यों के शुभंकर चिह्न अंकित करने का फैसला लिया था। सर्वप्रथम उत्तराखंड का शुभंकर हाथी सूंड में माला लिए स्वागत की मुद्रा में सिंहद्वार के दोनों ओर अंकित किया गया था। निर्णय के अनुसार तब समिति के सीईओ ने दावा किया था कि अल्फाबेटिकली पहले आने वाले राज्यों से उनका शुभंकर चिह्न अंकित किया जाएगा। इस नियम के तहत 2013 में इस यात्रा सीजन के लिए आंध्र प्रदेश अथवा अरुणाचल को शुभंकर के लिए आमंत्रित भी किया था। श्रीनगर विधायक गणेश गोदियाल के बदरी कैदार मंदिर समिति का अध्यक्ष बदलने पर यह पंरपरा को ही बदला जा रहा है। निजाम बदलते ही मंदिर समिति के फैसलों पर भी उसका असर पड़ता प्रतीत हो रहा है। इस वर्ष के शुभंकर के लिए मंदिर समिति के अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखा है। साफ है कि अगर सहमति मिली तो यूपी के कुंभ का शुभंकर अमृत कलश बदरीनाथ मंदिर के सिंहद्वार के दोनों ओर शोभा बढ़ाएगा।

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उत्तर प्रदेश हमारा पैतृक प्रदेश है। इस वर्ष कुंभ का आयोजन हुआ है। लिहाजा हमने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को 20 मार्च को पत्र लिखकर कुंभ के शुभंकर अमृत कलश को अंकित करने की अनुमति मांगी है।

गणेश गोदियाल, अध्यक्ष श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति

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यह सच है कि अल्फाबेटिकली राज्यों के शुभंकर चिन्हित करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन कुंभ आयोजन के बाद श्री बदरीनाथ धाम में भी श्रद्धालुओं की भीड़ होती रही है। लिहाजा इस वर्ष यूपी का शुभंकर अमृत कलश के लिए समिति ने पत्र लिखा है।

बीडी सिंह, सीईओ बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति

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शुभंकर अनेकता में एकता को बनाए रखने का सकारात्मक प्रयास है। उत्तराखंड के बाद शुभंकर को लेकर अल्फाबेटिकली आने वाले राज्यों से शुभंकर मंगाया जाना चाहिए था।

अनुसूया प्रसाद भट्ट, पूर्व अध्यक्ष श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति

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