काश्तकारों ने खेतों में शुरू की धान की रोपाई
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: बरसात का मौसम आने में अभी काफी वक्त है लेकिन लेकिन बागेश्वर में धान की रो
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: बरसात का मौसम आने में अभी काफी वक्त है लेकिन लेकिन बागेश्वर में धान की रोपाई शुरू होने लगी है। लोग पॉवर ट्रिलर व बैलों से खेतों की जुताई करने लगे हैं। कत्यूर घाटी में रोपाई करते काश्तकार आसानी से देखे जा सकते हैं।
लगातार बदल रहे मौसम का असर अब फसल चक्र पर भी दिखाई देने लगा है। लगातार मौसम परिवर्तन हो रहा है। गर्मी में गर्मी नही हो रही। बरसात में बरसात नही हो रही। जिससे सूखे की स्थिति जैसे हालात हर साल बने रहते हैं। इस बार बरसात के मौसम से पहले ही बारिश काफी हो गई है। खेतों में रोपाई लायक धान की पौध तैयार हो गई है। ऐसे में काश्तकार रोपाई में जल्दी करने लगे हैं। वह सोच रहे हैं बाद में बारिश हो या ना हो। पहाड़ों पर अमूमन रोपाई जून के दूसरे सप्ताह होती है। बीते वर्ष बारिश नही होने से तो रोपाई जुलाई माह में हुई थी। इस बार बारिश अधिक होने से रोपाई मई माह में ही शुरू हो गयी है।
प्रगतिशील काश्तकार कृष्ण चंद्र तिवारी ने बताया की रोपाई के लिए बारिश पर्याप्त हो रही है। अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो जल्द सभी अपने खेतों में रोपाई कर लेंगे। बाद में बारिश का कोई भरोसा नही हो या ना हो। पर्यावरण के क्षेत्र में दशकों से काम कर रहे विशेषज्ञ डॉ रमेश बिष्ट ने बताया की मौसम परिवर्तन का असर साफ दिखाई दे रहा है। किसानों को बदलते मौसम के अनुसार अपने को ढालना होगा। परंपरागत खेती के तरीकों को बदलने का समय आ गया है। अगर हम मौसम चक्र के हिसाब से नही चलेंगे तो इसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ेगा।