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पुण्यतिथि पर याद किए गए शैलेश मटियानी

संवाद सूत्र, गरुड़ : प्रख्यात साहित्यकार शैलेश मटियानी की 16वीं पुण्यतिथि पर क्षेत्र के साहित्यकारों

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 06:14 PM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 06:14 PM (IST)
पुण्यतिथि पर याद किए गए शैलेश मटियानी
पुण्यतिथि पर याद किए गए शैलेश मटियानी

संवाद सूत्र, गरुड़ : प्रख्यात साहित्यकार शैलेश मटियानी की 16वीं पुण्यतिथि पर क्षेत्र के साहित्यकारों ने उनको भावपूर्ण श्रद्धांजलि देकर याद किया।

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इस मौके पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार मोहन जोशी ने कहा कि शैलेश मटियानी संघर्ष से निकले थे। अपनी रचनाओं के माध्यम से उन्होंने आम आदमी की पीड़ा को बहुत ही सहज तरीके से जनता तक पहुंचाया। इस मौके पर साहित्यकार डॉ. हेम चंद्र दुबे ने उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उनका कहना था कि बोरीबली से बोरी बंदर तक, हौलदार, कबूतरखाना, छोटे-छोटे पक्षी आदि उपन्यास लिखे। समिति के सचिव चंद्रशेखर ने कहा कि शैलेश मटियानी ने 16 बाल कहानी संग्रह और सात लोक कथा संग्रह भी लिखे। युवा साहित्यकार मनोज खोलिया ने शैलेश मटियानी के संस्मरण अपसव्य यज्ञोपवीत का वाचन किया।

बैठक में सभी ने सरकार से मांग की कि शैलेश मटियानी के नाम पर शोध संस्थान की स्थापना अल्मोड़ा में की जाए। साथ ही हर वर्ष उनकी जन्मदिन व पुण्यतिथि पर किसी युवा व वरिष्ठ साहित्यकार को पुरस्कृत किया जाए। साथ ही हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की कक्षाओं में उनकी रचनाओं को शामिल किया जाए। बैठक में डॉ. हेमचंद्र दुबे, आनंद दुबे, मनोज खोलिया, जीवन दोसाद, संतोष तिवारी, भुवन कैड़ा, बची गिरि, डीके जोशी, प्रकाश पांडेय, गीता जोशी, नेहा आदि मौजूद रहे। संचालन महासचिव चंद्रशेखर ने किया।


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