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कपकोट में अवैध क्रशर सीज

संवाद सूत्र, कपकोट : आखिरकार दैनिक जागरण के दखल के बाद कुंभकरणी नींद में सोए प्रशासन की आंख खुल ही ग

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2017 01:00 AM (IST)
कपकोट में अवैध क्रशर सीज
कपकोट में अवैध क्रशर सीज

संवाद सूत्र, कपकोट : आखिरकार दैनिक जागरण के दखल के बाद कुंभकरणी नींद में सोए प्रशासन की आंख खुल ही गई। हरकत में आए प्रशासन ने अवैध तरीके से संचालित एक क्रशर को सीज करने के साथ दो डंपर और जेसीबी को भी सीज कर दिया है। बताते हैं कि सीज क्रशर में एक करोड़ रूपये से अधिक का उप खनिज जुटा कर रखा गया था।

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हाल ही में दैनिक जागरण ने खुलासा किया था कि किस तरह तहसील के पास नदी में खुलेआम खनन का खेल खेला जा रहा है, लेकिन इस पर प्रशासन अपनी आंखे बंद करके बैठा था। दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद हरकत में आए एसडीएम रवींद्र बिष्ट ने बुधवार को टीम के साथ अरछिला गोलना स्थित एक क्रशर में छापामारी की। छापामारी के दौरान पता चला कि क्रशर बगैर अनुमति के ही चल रहा है। जिसके बाद एसडीएम ने क्रशर को सीज कर दिया। यह क्रशर बागेश्वर निवासी नवीन परिहार का है। इसी के तहत मंगलवार रात कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने एक जेसीबी और दो डंपर भी सीज कर दिए। अरछिला में लगे क्रशर में मौजूद उप खनिज की अभी पैमाइश नहीं की गई है, लेकिन बताया जा रहा है कि क्रशर में एक करोड़ रुपये से अधिक का उप खनिज जमा कर रखा गया है।

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हल्द्वानी किया जा रहा था सप्लाई

अरछिला में लगाए गए क्रशर में सारा उप खनिज नदी से ही निकाला जा रहा था। छोरी छिपे नहीं, बल्कि खुलेआम प्रशासन की निगाहों के सामने। नदी से निकाले जाने वाले उप खनिज को इसी क्रशर में लाया जा रहा था। यहां उप खनिज को क्रश करने के बाद उसे हल्द्वानी व आस-पास इलाकों में सप्लाई किया जा रहा था।

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छलनी कर दिया नदी का आंचल

बताया जाता है कि वर्ष 2010 में नवीन परिहार को स्टॉक की अनुमति दी गई थी। उस वक्त आपदा आई थी और इसी को आधार बनाकर अनुमति भी हासिल की गई, लेकिन उसके बाद अनुमति नहीं ली गई, और प्रशासन के इशारे पर माफियाओं ने नदी के आंचल को जेसीबी से छलनी कर डाला।

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सीमा पर भी नहीं होती चेकिंग

खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि उन्हें किसी का खौफ नहीं। सबसे बड़े ताज्जुब की बात तो यह है कि कपकोट से उप खनिज लेकर निकलने वाले डंपर या हाईवा को हल्द्वानी पहुंचने से पहले जिले की कई सीमाओं और तमाम थाना क्षेत्रों से होकर गुजरना पड़ता है। बावजूद इसके आज तक पुलिस के हत्थे एक भी हाईवा या डंपर नहीं चढ़े।


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