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नदियों के बीच बागेश्वर प्यासा

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: कुमाऊं की काशी कही जाने वाली बागनाथ की नगरी बागेश्वर दो-दो नदियां होने के

By Edited By: Published: Fri, 27 Feb 2015 10:54 PM (IST)Updated: Fri, 27 Feb 2015 10:54 PM (IST)
नदियों के बीच बागेश्वर प्यासा

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: कुमाऊं की काशी कही जाने वाली बागनाथ की नगरी बागेश्वर दो-दो नदियां होने के बाद भी पानी के लिए प्यासी है। 30 साल पुरानी जर्जर नगरीय पेयजल योजना से जल संस्थान पानी पिला रहा है। आलम यह है कि नगर के कई हिस्सों में कई दिन तक पानी की आपूर्ति नहीं होती है। बरसात में तो महीना भर पानी की आपूर्ति बंद हो जाती है।

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सरयू व गोमती नदियों के बीच बसे बागेश्वर शहर में जनप्रतिनिधि व प्रशासन मिलकर एक ऐसी योजना का गठन नहीं कर पाए हैं, जिससे लोगों को नियमित रूप से साफ पानी मिल सके। वर्ष 1980-81 में गठित नगरीय पेयजल योजना आज जर्जर हो चुकी है। नगर व आसपास के गांवों के उपभोक्ताओं को न नियमित तौर पर पानी नहीं मिल पाता है और न ही साफ पानी नहीं मिल पाता है। आए दिन लोगों को पानी के लिए कई किमी भटकना पड़ता है। नदियों का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। बरसात के महीनों में तो कई दिनों तक पानी की सप्लाई नहीं होती है। जल संस्थान ने सप्लाई कर भी दी तो नदी का गंदा पानी ही सप्लाई किया जाता है। जल संस्थान के पास बरसात में साफ पानी पिलाने का कोई इंतजाम नहीं है। दूषित जल से लोगों को पेट की बीमारियों से गुजरना पड़ता है।

फोटो 23 बाग 5

परिचय- कमल परिहार

नगर सहित आस पास के गांवों में पानी की किल्लत से निजात दिलाने में जल संस्थान नाकाम रहा है। निकटवर्ती ग्राम बहुली, द्यांगण, खोली, अड़ौली में भी कई सालों से पानी की समस्या है, लेकिन जल संस्थान व जनप्रतिनिधि निष्क्रिय बने हैं। लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।

फोटो 23 बाग 6

परिचय- गोविंद परिहार

इसे बागेश्वर का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि बागेश्वर शहर के बीचों बीच बहने वाली सदानीरा नदियों के बाद भी लोगों को साफ पानी नसीब नहीं है। प्रशासन व जल संस्थान मिलकर एक ऐसी ठोस योजना का निर्माण नहीं कर सके हैं जिससे लोगों को नियमित तौर पर पानी मिल सके।

- गोविंद परिहार

फोटो 23 बाग 7

परिचय- दयाल पांडेय

गर्मी के सीजन में पानी के लिए होने वाली परेशानी को देखते हुए जल संस्थान व प्रशासन को पानी की नियमित आपूर्ति के लिए अभी से ही ठोस व प्रभावी इंतजाम करने चाहिए। तीस साल पुरानी नगरीय पेयजल योजना से शहर व आस पास के गांवों को पानी पिलाना अब संभव नहीं है। समय रहते नई योजना का निर्माण शुरू होना चाहिए।

- दयाल पांडेय

फोटो 23 बाग 8

परिचय- दलीप सिंह खेतवाल

नगर में फिल्टरेशन वेल बनाने के लंबे समय से दावे किये जा रहे हैं लेकिन जल संस्थान सालों पुरानी योजना से ही पानी की आपूर्ति कर रहा है जिस कारण नगर सहित आस पास के गांवों को नियमित तौर पर पानी नहीं मिल पाता है। बरसात व गर्मियों में पानी की भारी किल्लत के बाद लोग दूषित जल पीकर सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।

- दलीप सिंह खेतवाल


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