भूकंप का तगड़ा झटका, 138 मौतें, 171 गंभीर
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: समय सुबह साढ़े नौ बजे। भूकंप का जबर्दस्त झटका आते ही आपदा आन पड़ी। खतरे व आपदा
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: समय सुबह साढ़े नौ बजे। भूकंप का जबर्दस्त झटका आते ही आपदा आन पड़ी। खतरे व आपदा के संकेत के तौर पर नगरपालिका का साइरन बज उठा और निर्देश मिलते ही राहत व बचाव दल आपदा प्रभावित क्षेत्रों में दौड़ पड़े। प्रभावित क्षेत्रों से शवों व घायलों को निकालने का काम आरंभ हो गया। इस हादसे में काल्पनिक तौर पर जिले में 138 लोगों की मौत हो गई और 171 गंभीर घायल हो गए।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार के सहयोग और आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग उत्तराखंड के निर्देश पर जिला प्रशासन ने यहां बुधवार को इंसीडेंट कमांड सिस्टम पर आधारित भूंकप का मॉक ड्रिल किया गया। जिसमें टास्क फोर्स, एसडीआरएफ, सेना, आइटीबीपी के जवानों, एनएसएस, एनसीसी के स्वयंसेवकों, होमगार्ड, पीआरडी के जवान, स्वयंसेवी संस्थाओं व चिकित्सा टीम ने राहत व बचाव कार्य में अहम् भूमिका निभाई। अधिकारियों ने पूरी व्यवस्था की देखरेख व अपनी अपनी जिम्मेदारी निभाई। मॉकड्रिल की कहानी में माना गया कि सुबह 9.30 बजे रियेक्टर पैमाने पर 7.02 तीव्रता का भूकंप का झटका आया, जिसका केंद्र चमोली जनपद के हैलन नामक स्थान पर था। सूचना मिलते ही सुबह नगरपालिका का साइरन बज उठा। तुरंत बाद इंसीडेंट कमांड सिस्टम से जुड़े अधिकारी आपदा प्रबंधन केंद्र पहुंचे। जहां से वायरलेस के जरिये सभी थानों व तहसीलों को सतर्क किया गया। अधिकारियों को दायित्व सौंपते हुए रेस्क्यू टीमें प्रभावित क्षेत्रों में दौड़ा दी गई।
यहां आकाशवाणी, नगरपालिका, एडम्स गर्ल्स इंटर कालेज व फलसीमा में भूकंप से क्षति की सूचना मिली। पुलिस लाइन में स्टेजिंग एरिया बनाई गई। जहां प्राथमिक उपचार और शवों के पोस्टमार्टम के लिए पूरी टीम मुस्तैद रही। गंभीर रोगियों को बेस अस्पताल व सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर किया गया। भूकंप से क्षति आंकलन भी किया गया। अल्मोड़ा में 24 लोगों की मौत, 38 गंभीर हुए। पूरे जिले में 138 जनहानि, 171 गंभीर घायल, 3894 सामान्य घायल आंके गए। इनके अलावा 227 पशुहानि हुई जबकि 183 भवन पूर्ण क्षतिग्रस्त, 50 तीक्ष्ण क्षतिग्रस्त, 341 आंशिक क्षतिग्रस्त होना और 122 गौशालाएं टूटना पाया गया। इसके अलावा सड़क, शिक्षा, पेयजल को पहुंची क्षति भी पृथक-पृथक आंकी गई।
इस मॉक ड्रिल अभियान में प्रभारी जिलाधिकारी जेएस नगन्याल, एडीएम केएस टोलिया, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, एसडीएम सदर विवेक राय, एसडीएम अवधेश कुमार आपदा प्रबंधन अधिकारी राकेश जोशी समेत तमाम अधिकारी, कर्मचारी, जवान लगे थे।
टै्रफिक में पड़ा खलल
फोटो- 22 एएलएमपी 9
परिचय- कैप्शन के साथ।
अल्मोड़ा: मॉक ड्रिल के चक्कर में यहां माल रोड व धारानौला रोड में टैफिक करीब तीन घंटे प्रभावित रहा। मॉक ड्रिल को देखते हुए वाहनों के रास्ते में तब्दीली की गई थी। जिससे सड़कों में जाम लग गया। वहीं कई दुपहिया वाहन भी फंसते रहे। इससे आम लोगों व यात्रियों को कुछ परेशानी झेलनी पड़ी।
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एक घंटे में निकला घायल
अल्मोड़ा: यहां नगरपालिका में चल रही भूकंप आपदा में राहत व बचाव कार्य के अभ्यास के दौरान एक बारगी हास्यास्पद स्थिति भी देखने को मिली। जब एक घायल को निकालने में लगभग एक घंटे का वक्त लग गया। बमुश्किल उसे निकाला गया।