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Uttarakhand Forest Fire: हर दिन जल रहे जंगल, पर्यावरण के लिए खतरा; अब वन विभाग ने उठाया बड़ा कदम

Uttarakhand Forest Fire पर्वतीय क्षेत्रों में जंगलों की आग की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। आग की घटनाएं पर्वतीय क्षेत्र की आबोहवा को लगातार दूषित कर रही है। अल्मोड़ा जिले में अब तक करीब 48.6 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू हो चुका है सर्दियों के बाद फायर सीजन में जंगल तेजी से धधकने लगे हैं।

By yaseer khan Edited By: Swati Singh Published: Tue, 23 Apr 2024 07:24 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2024 07:24 PM (IST)
अल्मोड़ा के पांडेखोला के समीप जंगल में लगी आग। जागरण

यासिर खान, अल्मोड़ा। पर्वतीय क्षेत्रों में जंगलों की आग की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। आग की घटनाएं पर्वतीय क्षेत्र की आबोहवा को लगातार दूषित कर रही है। अल्मोड़ा जिले में अब तक करीब 48.6 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। जबकि पिछले वर्ष 104 हेक्टेयर जंगल जला था। लगातार जल रहे जंगल से पर्यावरण बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

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वहीं वन संपदा को भी भारी नुकसान है। 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू हो चुका है, सर्दियों के बाद फायर सीजन में जंगल तेजी से धधकने लगे हैं। हर दिन विभिन्न स्थानों में जंगल जल रहे हैं। ऐसे में पर्यावरण दूषित होता जा रहा है।

जंगल में अचानक लगी आग

मंगलवार को पांडेखोला के समीप जंगल में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। आग की लपटें आवासीय परिसर की ओर बढ़ने लगी। लोगों ने अग्निशमन केंद्र अल्मोड़ा को सूचना दी। सूचना पर पहुंचे दमकल कार्मिकों ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। उधर बिनसर अभ्यारण क्षेत्र में भी कई बार भीषण आग लग रही है। रिशाल, दलाड़ में आवासीय इलाकों तक आग पहुंच गई।

वन संपदा जलकर हो गई राख

ग्रामीणों के घास के लूटे, घर के पास रखी लकड़ियां आदि भी जल गई। इस सीजन अब तक दोनों वन प्रभागों में कुल जंगलों की आग की कुल 33 घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें 48.6 हेक्टेयर जंगलों में आग लग चुकी है। इस दौरान करीब 1 लाख 45800 रुपये की वन संपदा राख हो चुकी है।

बाल बुझाएगी आग 

आग बुझाने के लिए अब अग्निशामक बाल नया विकल्प बनेगा। सड़क से दूर भवनों के आस-पास या जंगल में अग्निशामक बाल से आग बुझाई जाएगी। अग्निशमन केंद्र अल्मोड़ा में यह बाल पहुंच चुकी है। इस बाल में 90 प्रतिशत मैप पाउडर के साथ सूखा रसायन है। यह पाउडर और रसायन आग बुझाने में कारगर है। आग के संपर्क में आने से बाल फटेगी, और बाल से बाहर निकलने वाला तत्त्व आग बुझाएगा। यह 11 से 23 वर्ग फीट के दायरे में लगी आग बुझाई जा सकती है।

अधिकारी ने कही ये बात

जंगलों को आग से बचाने के लिए हर तरह से प्रयास किए जा रहे हैं। विभागों से भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है। आम नागरिकों से भी सहयोग की अपील है। -दीपक सिंह, डीएफओ, अल्मोड़ा वन प्रभाग।


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