जल की बर्बादी के कारणों और रोकथाम के उपाय बताए
राष्ट्रीय विज्ञान प्रोद्योगिकी एवं संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित की गई। इसमें जल की बर्बादी के कारणों के बारे में बताया गया।
By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 03:34 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 04:00 AM (IST)
अल्मोड़ा, [जेएनएन]: ग्राम स्वराज्य मंडल सोमेश्वर के तत्वाधान में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पच्चीसी में राष्ट्रीय विज्ञान प्रोद्योगिकी एवं संचार परिषद, विज्ञान एवम् प्रोद्योगिकी विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें जल की बर्बादी के कारणों और इसकी रोकथाम के उपायों के बारे में बताया गया।
पवन सिंह भाकुनी ने स्थानीय पारिस्थिकी एवं पृथ्वी में मौजूद पीने लायक पानी की मात्रा व जल चक्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बताया कि आज पूरे विश्व की जनसंख्या द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले पानी का 80 फ़ीसद हिस्सा दुबारा इस्तेमाल किये बग़ैर, बिना पानी का शुद्धिकरण किये वापस पर्यावरण में जाकर मिल जाता है, जिससे हमारा पर्यावरण तेज़ी से दूषित हो रहा है।
यदि हम इस महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन को शुद्धीकरण करके वापस पर्यावरण में छोड़ें, तो हम अपने जल चक्र को सभी प्राणियों के इस्तेमाल के लिये बेहतर बना पाएंगे। प्रधानाचार्य राजेन्द्र सिंह कोरंगा ने परियोजना के लिए चयनित छात्रों को प्रशिक्षण कार्यशाला की सम्भावित तिथियों एवं परियोजना के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में राजेश शुक्ला, मथुरा गिरि, बलवन्त सिंह, मिथीलेश सैनी, आनन्द बल्लभ आदि ने भी विचार रखे।
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