मध्य प्रदेश की तर्ज पर बढ़ाई जाएगी दलहन की पैदावार, रुकेगा पहाड़ से पलायन
उत्तराखंड की उपेक्षित दालों के उत्पादन के जरिये पलायन रोकने की कवायद शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश की तर्ज पर यहां दलहन की पैदावार को बढ़ाया जाएगा।
रानीखेत, [दीप सिंह बोरा]: पहले ऊर्जा, फिर हरित और अब उत्तराखंड को दलहन प्रदेश बनाने की तैयारी। पर्वतीय कृषि नीति को साकार करने के उद्देश्य से उत्तराखंड की उपेक्षित दालों के उत्पादन के जरिये पलायन रोकने की कवायद शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश की तर्ज पर दलहन की पैदावार बढ़ाकर जहां पहाड़ में घटते कृषि रकबे को बढ़ाया जाएगा, वहीं पारंपरिक दालों का उत्पादन कर उचित बाजार मुहैया कराया जाएगा। विभागीय सूत्रों की मानें तो धरती पुत्रों को खेती से जोड़े रखने के लिए बाकायदा 75 फीसद अनुदान पर उन्नत बीज भी मुहैया कराए जाने की योजना है।
देर से ही सही पर उत्तराखंड को दलहन प्रदेश बनाने की दिशा में कदम बढ़ा लिए गए हैं। इसके लिए जहां वृहद स्तर पर दाल क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। वहीं पर्वतीय जिलों में वैज्ञानिक तकनीक से पारंपरिक प्रजातियों की नई किस्में भी इजाद की जाएंगी। खास बात है तराई बीज विकास निगम की मदद से पहाड़ में ही उत्पादित उन्नत बीज यहां के काश्तकारों को 75 फीसद सब्सिडी पर मिलेंगे।
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पर्वतीय कृषि नीति को धरातल पर उतारने के मकसद से यह महत्वाकांक्षी योजना सफल रही तो उत्तराखंड मध्य प्रदेश सरीखे दाल उत्पादक राज्यों से टक्कर लेगा, बल्कि दलहन उत्पादन के जरिए आत्मनिर्भर व आर्थिक रूप से समृद्ध भी बनेगा। साथ ही घटते कृषि क्षेत्र को बचाने व पलायन रोकने में भी सफलता मिलेगी। पहले चरण की शुरूआत पर्वतीय जिलों में मसूर से कर दी गई है।
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कुमाऊं में खेती का रकबा
जनपद------------क्षेत्रफल (हेक्टेयर में)
अल्मोड़ा------------125244
बागेश्वर--------------42375
चंपावत---------------36604
नैनीताल---------------31444 (पहाड़) व 453646 (मैदान)
पिथौरागढ़--------------73688
(इस क्षेत्रफल में रबी व खरीफ की सभी फसलें उगाई जाती हैं)
कहां कितने किसान
अल्मोड़ा-------1.19 लाख
बागेश्वर-------55303
चंपावत-------40000
नैनीताल-------116703
पिथौरागढ़-------72000
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अल्मोड़ा में दाल उत्पादन
मसूर-------1853.30 हेक्ट
चना-------46
मटर-------50.47
उड़द-------1995
अरहर-------190
गहत-------1995
भट-------2000
सोयाबीन-------980
कृषि व अकृषि क्षेत्र पर नजर
राज्य के 766730 हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल का कुमाऊं में रकबा 621897 हेक्टेयर है। मंडल में कुल काश्तकार 528006 हैं। 1082864 वन भूमि व 61390 हेक्टेयर अकृषि-बंजर है।
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दलहन उत्पादन बढ़ाने की योजना पर काम शुरू हो गया है
मुख्य कृषि अधिकारी प्रियंका सिंह का कहना है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत दलहन उत्पादन बढ़ाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। पहले चरण में मसूर की खेती पर फोकस किया जा रहा है। निश्चित तौर पर यह कदम पहाड़ में कृषि को बढ़ावा देकर किसानों को खेती से जोड़ने तथा आर्थिक लाभ पहुंचाने वाला साबित होगा।