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नशे की गिरफ्त में पहाड़ का बचपन

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : नारकोटिक्स एक्ट का खुला उल्लघंन अब पहाड़ के बचपन को लगातार नशे की लत में ड

By Edited By: Published: Fri, 21 Nov 2014 10:55 PM (IST)Updated: Fri, 21 Nov 2014 10:55 PM (IST)
नशे की गिरफ्त में पहाड़ का बचपन

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : नारकोटिक्स एक्ट का खुला उल्लघंन अब पहाड़ के बचपन को लगातार नशे की लत में डुबो रहा है। इस कारण यहां के नौनिहाल बचपन से ही दिशाहीन हो रहे हैं, वहीं कई परिवार बच्चों में बढ़ रही नशे की लत के कारण बर्बाद हो चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन नशीली दवाओं के इस कारोबार पर नकेल नहीं कस पा रही है।

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स्कूलों के आसपास और सार्वजनिक स्थलों के पास नशीले पदार्थो की बिक्री और लोगों की देखा देखी बच्चों में नशे के प्रति उत्सुकता बढ़ रही है। ऐसे में छोटे बच्चे आसानी से प्राप्त हो जाने वाले नशीले पदार्थो का सेवन कर अपनी उत्सुकता को कम करने का प्रयास तो कर रहे हैं। लेकिन धीरे-धीरे बच्चे इन नशीले पदार्थो के सेवन के आदि बन जा रहे हैं। स्टेशनरी की दुकानों में बिकने वाला इंक रिमूवर हो या फिर दवाओं की दुकानों में बिकने वाली नींद की दवा एल्प्रेक्स या फिर खांसी के सिरप। चिकित्सकों की मानें तो इन दवाओं में कोडीन जैसे आर्गेनिक कंपाउंड होते हैं, जिन्हें चिकित्सक की सलाह पर सेवन के लिए बेचा जा सकता है। लेकिन अल्मोड़ा नगर में अपने व्यावसायिक फायदे के लिए दवाओं की दुकानों पर बिना चिकित्सीय सलाह के इन दवाओं को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। बच्चे घर से स्कूल को निकलते तो हैं, लेकिन इस तरह की दवाएं खरीद कर एकांत क्षेत्रों में इनका प्रयोग करते साफ देखे जा सकते हैं। कोडीन युक्त इन दवाओं को नारकोटिक्स एक्ट के तहत प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन इसके बाद भी मानकों की अनदेखी पहाड़ के बचपन को बर्बाद करने का ही काम कर रही है।

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दवाओं की दुकानों में इस तरह की प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। अभी इस तरह की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। सूचना मिलने पर संबंधित दवा व्यवसायियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

डा. मीनाक्षी नेगी, ड्रग इंस्पेक्टर, अल्मोड़ा

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बच्चों में बचपन से नशीली पदार्थो के सेवन की लत ठीक बात नहीं है। इस आदत के कारण जहां इन दवाओं में मौजूद आर्गेनिक कंपाउंड से कभी भी उनकी मौत हो सकती है, वहीं इससे बच्चों की मानसिक व शारीरिक वृद्धि पर विपरीत असर के साथ ही उनके जननांगों के विकास में बाधा पैदा होती है।

डा.एनएस चौहान, फिजीशियन, अल्मोड़ा


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