राजनीति का अखाड़ा बना जयदत्त वैला राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय
जयदत्त वैला राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय एक बार फिर राजनीति का अखाड़ा बन गया। एनएसयूआई पदाधिकारी सड़क पर उतर आए गांधी चौक में नारेबाजी कर प्राचार्य का पुतला आग के हवाले किया गया।
रानीखेत(अल्मोड़ा), [जेएनएन]: जयदत्त वैला राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय एक बार फिर राजनीति का अखाड़ा बन गया। विभिन्न मांगों को लेकर छात्रसंघ पदाधिकारी आमने-सामने आ गए। प्राचार्य के हस्तक्षेप के बाद टकराव टल गया। बाद में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) से जुड़े पदाधिकारियों ने मांगों को लेकर प्राचार्य को ज्ञापन दिया। कोषाध्यक्ष निखिलेश बिष्ट ने मांग न माने जाने पर इस्तीफे की चेतावनी दे डाली। भड़के एनएसयूआई पदाधिकारी सड़क पर उतर आए गांधी चौक में नारेबाजी कर प्राचार्य का पुतला आग के हवाले किया गया।
गुरुवार को छात्रसंघ अध्यक्ष कैलाश सिंह बिष्ट साथियों के साथ सेमेस्टर प्रणाली की तिथि बढ़ाए जाने, विद्यार्थियों को अंकतालिका व परीक्षाफल उपलब्ध कराने तथा महाविद्यालय में पानी व छात्रावास होता कैंटीन की समस्या की मांग को लेकर प्राचार्य से मिलने पहुंचे। तभी कोषाध्यक्ष निकलेश बिष्ट व पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सूरत सिंह 25 नंवबर को पूर्व छात्रसंघ सम्मान समारोह कराने के लिए सभागार की अनुमति लेने प्राचार्य कक्ष में पहुंचे ।
महाविद्यालय में परीक्षा का हवाला दे सभागार उपलब्ध न कराए जाने की बात कहने पर कोषाध्यक्ष व पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष का पारा चढ़ गया जिस पर जोरदार नारेबाजी शुरू हो गई। वही प्राचार्य कक्ष के बाहर मौजूद छात्र संघ अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष के बीच तू-तू मैं-मैं भी हो गई। प्राचार्य व अन्य छात्राओं के हस्तक्षेप करने के बाद बामुश्किल मामला टला। कोषाध्यक्ष निखिलेश व पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सूरत सिंह ने सरकार के दबाव में सभागार उपलब्ध न कराए जाने का आरोप जड़ा।
बाद में प्राचार्य को ज्ञापन भी सौंपा गया, जहां कोषाध्यक्ष ने सभागार उपलब्ध ना होने पर पद से इस्तीफे की चेतावनी दे डाली। इस दौरान हिमांशु प्रसाद, लोकेश चौधरी ,प्रतीक नेगी, अमित नेगी,नीरज रौतेला ,कमल असवालव आदि मौजूद रहे।
प्राचार्य डॉ चंद्र राम का कहना है कि समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा। विश्वविद्यालय से भी पत्राचार किया जा रहा है। विद्यालय में परीक्षा होने के कारण सभागार उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कोषाध्यक्ष निखिलेश बिष्ट का कहा है कि महाविद्यालय प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रहा है। यदि सभागार की अनुमति नहीं दी गई तो पद से इस्तीफा दे दूंगा।
छात्र संघ अध्यक्ष कैलाश सिंह बिष्ट का कहना है कि सभागार कोई मुद्दा नहीं है। हम महाविद्यालय में व्याप्त समस्याओं को लेकर प्राचार्य से मिलने पहुंचे थे।नारेबाजी नहीं की जानी चाहिए।
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