बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुति से बिखेरी बहुरंगी छटा
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : कभी मंच पर लोक संस्कृति की सुंदर प्रस्तुति, तो कभी दर्शकों को लुभाती गरबा नृ
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : कभी मंच पर लोक संस्कृति की सुंदर प्रस्तुति, तो कभी दर्शकों को लुभाती गरबा नृत्य, प्रेरक नाटक व कव्वाली की प्रस्तुति और बार-बार तालियां बटोरती बच्चों की सुंदर प्रस्तुति। घंटों तक चला ये नजारा था ज्ञानोदय उमावि डुंगरा के वार्षिकोत्सव का।
जिले की दूरस्थ तहसील भनोली अंतर्गत ज्ञानोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डुंगरा के वार्षिकोत्सव में ऐसी बहुरंगी छटा बिखरी कि चटक धूप में दर्शक घंटों जमे रहे। नर्सरी से हाईस्कूल तक बच्चों की टोलियों ने कुमाऊंनी व हिंदी गीत-नृत्य, गरबा नृत्य, देश भक्ति गीत, प्रेरक व हास्य नाटक व कव्वाली की शानदार प्रस्तुति दी। बाल प्रतिभाओं का प्रदर्शन इतना सुंदर था, मानो ग्रामीण परिवेश के इन बच्चों की तालीम शहरी हो।
इस मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह महरा ने विद्यालय की उत्तरोत्तर प्रगति की कामना करते हुए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। विद्यालय प्रबंधक शांति बिष्ट ने विद्यालय की वार्षिक आख्या प्रस्तुत की। इससे पहले मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना व स्वागत गीत से समारोह का आगाज हुआ। वक्ताओं ने बच्चों से कड़ी मेहनत के बल पर आगे बढ़ क्षेत्र व विद्यालय का नाम रोशन करने का आह्वान किया। समारोह में इस वर्ष विद्यालय में टापर गौरव बिष्ट, आल राउंडर मनीषा बिष्ट व हाईस्कूल बोर्ड में विद्यालय में प्रथम छात्रों समेत विविध क्रियाकलापों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। अध्यक्षता पूर्व प्रधानाध्यापक लच्छी राम व संचालन संरक्षक जवाहर सिंह बिष्ट रूप से किया। विशिष्ट अतिथि जगदीश जोशी समेत नारायण सिंह बिष्ट, गिरीश पालीवाल, माधवानंद आदि ने विचार रखे। कार्यक्रम चंद्रमणि पांडे, खड़क सिंह बिष्ट, कृष्ण कुमार, ईश्वरी राम टम्टा, बलवंत बिष्ट, रेखा, रेनू, ममता, दीपा, मधु, प्रकाश, कमला व खष्टी आदि स्टाफ समेत तमाम अभिभावक मौजूद रहे।
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डेढ़ दशक में बना नामी
अल्मोड़ा: ज्ञानोदय उमावि डुंगरा ने डेढ़ दशक में अच्छा नाम कमाया। यह विद्यालय नर्सरी कक्षा से पांचवीं कक्षा तक 46 बच्चों के साथ 26 जून 2002 को आरंभ हुआ। इसके कुछ ही सालों में यह जूनियर हाईस्कूल बना और वर्ष 2014 में हाईस्कूल की मान्यता मिल गई। जहां अब छात्र संख्या सवा तीन सौ के करीब पहुंच गई है। विद्यालय का क्षेत्र में अच्छा नाम है।
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ये रही आकर्षक प्रस्तुति
= बाल प्रस्तुति- पापा रे पापा
= कुमाऊंनी नृत्य- बेड़ू पाको बारो मासा, गर्वा नृत्य।
= नाटक- पोरष की वीरता
= नाटक- गांधी जी के तीन बंदर,
= हास्य नाटक- होशियार मास्टर होशियार बच्चे
= कव्वाली- नारी तुम हो सत्य राष्ट्र की।