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अब कोसी घाटी का किसान लामबंद

जागरण टीम, रानीखेत/गरमपानी: बागवानी के क्षेत्र में उर्वर पर्वतीय राज्य में उद्यान महकमे को को कृषि व

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2017 01:00 AM (IST)
अब कोसी घाटी का किसान लामबंद
अब कोसी घाटी का किसान लामबंद

जागरण टीम, रानीखेत/गरमपानी: बागवानी के क्षेत्र में उर्वर पर्वतीय राज्य में उद्यान महकमे को को कृषि विभाग में मिलाने की नीति का विरोध जोर पकड़ता जा रहा है। ताड़ीखेत, फिर द्वाराहाट के बाद अब कोसी घाटी में बेतालघाट ब्लॉक के फल व सब्जी उत्पादक राज्य सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। तकनीकी विभाग होने के बावजूद कृषि विभाग में विलय को कतई अव्यवहारिक करार देते हुए किसानों ने आर-पार के संघर्ष का एलान किया है। यह भी साफ किया है कि एकीकरण की आड़ में यदि चौबटिया (रानीखेत) स्थित उद्यान निदेशालय का वजूद समाप्त करने के प्रयास किए गए तो वृहद स्तर पर किसान आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।

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पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि से अधिक उद्यान विभाग की योजनाओं का लाभ काश्तकारों को मिलता आया है। उद्यान का कृषि विभाग में विलय हो जाने से फल व सब्जी उत्पादकों को बड़ा घाटा उठाना पड़ेगा। उद्यान का अस्तित्व खत्म करने के बजाय राज्य सरकार को बागवानी को बढ़ावा देकर किसान हित में कदम उठाने चाहिए।

- गोधन सिंह बर्गली, फल उत्पादक बारगल गांव

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उद्यान व कृषि विभाग का एकीकरण हमें बर्दाश्त नहीं। इससे बागवानी से जुड़े ग्रामीणों का हित नहीं है। एकीकरण के बजाय उद्यान निदेशालय तथा इससे संबंधित शोध व प्रशिक्षण केंद्रों को पुनर्जीवित किया जाए। इससे किसानों को लाभ होगा और फल तथा सब्जी उत्पादन के जरिये आर्थिक विकास भी होगा। एकीकरण के खिलाफ आंदोलन छेड़ा जाएगा।

- बालम सिंह, फल सब्जी उत्पादक हली

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यह गलत नीति है। प्रदेश के पर्वतीय जिलों में कृषि से ज्यादा बागवानी होती है। सीमित संसाधनों के बावजूद फल व सब्जी उत्पादन ठीकठाक है। इसके बावजूद उद्यानिकी के विकास की सोच छोड़ कर उद्यान का कृषि विभाग में विलय औचित्यहीन है। इसका पुरजोर विरोध करेंगे। किसान हित प्रभावित न हों, एकजुट संघर्ष किया जाएगा।

- बिशन सिंह जंतवाल, सब्जी उत्पादक धारी गांव

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हम एकीकरण का पुरजोर विरोध करेंगे। चौबटिया उद्यान निदेशालय किसी कीमत पर शिफ्ट नहीं होने दिया जाएगा। उद्यान विभाग की योजनाओं से काश्तकारों को बड़ा लाभ मिल रहा। एकीकरण से ये योजनाएं बंद हो जाएंगी। इससे किसानों के हित प्रभावित होंगे। जबरन एकीकरण के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे।

- गोधन सिंह बिष्ट, फल उत्पादक हली गांव

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यह निर्णय ठीक नहीं है। उद्यान विभाग की योजनाओं से जुड़ कर पहाड़ में फल व सब्जी उत्पादन तो हो रहा। यह विभाग ही नहीं रहेगा तो योजनाएं कहां से मिलेंगी। सुना है दो विभागों को एक किया जा रहा है। काश्तकारों का जहां अहित होगा, उसके खिलाफ आवाज उठाना हमारा हक है।

- भगवती बिष्ट, हली गाव

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एकीकरण का निर्णय किसान हित में बिल्कुल नहीं है। पर्वतीय जिलों में उद्यान विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। जबरन उद्यान व कृषि विभाग का एकीकरण किया गया तो पंचायत प्रतिनिधि किसानों को साथ लेकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। चौबटिया से उद्यान निदेशालय को भी नहीं हटने दिया जाएगा।

- सतीश नैनवाल, ब्लॉक प्रमुख बेतालघाट


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