Move to Jagran APP

पहले कभी नहीं देखा बादलों का ऐसा रूप

जागरण टीम, रानीखेत/गरमपानी : पर्यावरण एवं फल उत्पादन के लिहाज से बेहद उर्वर हली गांव में बादल पहली ब

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 May 2017 05:48 PM (IST)Updated: Mon, 29 May 2017 05:48 PM (IST)
पहले कभी नहीं देखा बादलों का ऐसा रूप

जागरण टीम, रानीखेत/गरमपानी : पर्यावरण एवं फल उत्पादन के लिहाज से बेहद उर्वर हली गांव में बादल पहली बार फटा। बुजुर्ग कहते हैं, इससे पहले उन्होंने बादलों और बारिश का ऐसा रूप कभी नहीं देखा। ऐसे में असामान्य वर्षा तथा सब कुछ बहा ले जाने पर आमादा बरसाती गधेरों का रुख देख दहशत स्वाभाविक था। अतिवृष्टि के बाद उफनाए गधेरे का भयावह रूप देख कर ही ग्रामीणों ने गांव छोड़ने का फैसला लिया। करीब एक घंटे तक मेघ बरसे तो डेढ़ से दो घंटे तक लोगों ने सुरक्षित ठिकाने पर खुले आसमान के नीचे रात काटी। खौफनाक मंजर के बारे में 'जागरण' टीम ने लोगों से जानना चाहा तो वे सिहर उठे।

loksabha election banner

==========

फोटो : 29 आरकेटी पी 3

'अचानक तेज तूफान, फिर मूसलधार वर्षा होने लगी। पहाड़ी से मलबा, साथ में बड़े बोल्डर गाव की ओर जैसे गिरने लगे। सब कुछ डरावना था। लगा जैसे समय रहते गाव खाली न किया तो बर्बादी तय है।

-बालम सिंह, फल उत्पादक'

-------------------

फोटो : 29 आरकेटी पी 4

'तेज वर्षा में गाव के ठीक ऊपर अजीब सी गर्जना होने लगी। शायद थुआ की पहाड़ी दरकने लगी थी। हम लोग घरों से बाहर निकल इधर उधर भागने लगे। इतने सालों में पहली बार यह सब देखा तो डर गए। सामने ही समतल पहाड़ की ओर भाग जान बचाई।

-भगवती देवी'

-------------------

फोटो : 29 आरकेटी पी 5

'एक बार लगा जैसे बड़ी मुसीबत आ गई है। काफी ऊंचाई में थुआ की पहाड़ी से मलबा गिरने लगा। चट्टानें भी खिसकने लगी। चीखपुकार मचने से भय व्याप्त हो गया था। बच्चों की चिंता सताने लगी थी।

- मुन्नी देवी'

-----------------------

फोटो : 29 आरकेटी पी 6

बारिश इतनी तेज और बूंदें इतनी मोटी थी कि सामने कुछ दिख ही नहीं रहा था। कुछ देर वर्षा ऐसे ही होती तो स्थिति खतरनाक हो सकती थी। वर्षा कुछ कम होने से बोल्डर व मलबे का गाव की ओर खिसकना कम हुआ तो राहत मिली।

-हरदयाल सिंह, किसान'

-------------------

फोटो : 29 आरकेटी पी 7

ऐसी वर्षा पहले कभी नहीं देखी। मलबे के साथ बहकर आ रहे बोल्डरों की आवाज दिल दहला रही थी। सभी घरों से बाहर निकल सुरक्षित स्थान की ओर भागे।

-सोबन सिंह,

-------------------

फोटो : 29 आरकेटी पी 8

मलबा गाव तक पहुंचता तो सब कुछ तबाह हो जाता। भगवान ने सबको बचा लिया। हालात बिगड़ गए थे। कुछ देर बारिश और होती तो बड़ा नुकसान तय था।

- भगवती देवी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.