फल पट्टियों में ओलों का कहर
संवाद सहयोगी, रानीखेत/ ताड़ीखेत : पर्वतीय अंचल में झमाझम बारिश ने सूखते खेतों व स्रोतों को संजीवनी द
संवाद सहयोगी, रानीखेत/ ताड़ीखेत : पर्वतीय अंचल में झमाझम बारिश ने सूखते खेतों व स्रोतों को संजीवनी देने का काम तो किया। मगर ओलों की मार ने फल उत्पादकों की कमर तोड़ दी है। ताड़ीखेत विकासखंड तथा इससे सटे रामगढ़ व बेतालघाट ब्लॉक की फल पट्टियों में ओलावृष्टि व अंधड़ से खासी क्षति पहुंची है। तमाम पेड़ धराशायी हो गए तो कई कुंतल कच्चे फल तैयार होने से पहले ही नष्ट हो गए हैं।
विषम भौगोलिक हालात वाले पहाड़ में ओलावृष्टि के कहर से कर्ज के बोझ तले किसान मायूस हो गए हैं। पहले सूखे की मार, अब बारिश के साथ गिरे ओलों ने फल पट्टियों को खासा नुकसान पहुंचाया है। ताड़ाखेत विकासखंड के चौबटिया क्षेत्र के भड़गांव, कालनू, द्योली, शिवाली, पाखुड़ा तथा रिची व बिल्लेख आदि इलाकों में आडू, पुलम, खुबानी वगैरह नष्ट हो गया है। कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष गोपाल सिंह देव के अनुसार फल उत्पादक क्षेत्रों में 40 से 50 फीसद की क्षति हुई है। उन्होंने विभाग से क्षति का आंकलन कर मुआवजे की मांग उठाई है।
उधर बेतालघाट व रामगढ़ ब्लॉक में भी ओलावृष्टि ने बागानों पर कहर बरपाया है। फलों से लदे कई पेड़ धराशायी हो गए हैं। जो पेड़ गिरने से बचे भी हैं तो उनके फल नष्ट हो चुके हैं। हली व हरतपा में देर रात तेज बारिश, अंधड़ व ओलावृष्टि से आडू व पुलम आदि फल चौपट हो गए हैं। काश्तकार सोबन सिंह, कुशल सिंह, बालम सिंह, गोधन सिंह, वीरेंद्र सिंह के अनुसार क्षेत्र में लगभग 50 प्रतिशत फल तबाह हो गए हैं।
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आमदनी दूर लागत के ही लाले
रानीखेत: हली व हरतपा गाव आडू व पुलम की बेहतरीन प्रजाति के लिए प्रसिद्ध है। रेडजून, असाड़िया व पैरा डीलक्स आडू यहां से सीधा मुंबई भेजे जाते हैं। अबकी ओलों की मार से अच्छी आमदनी तो दूर उत्पादकों का लागत वसूलना ही दूभर हो गया है।
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फल व सब्जी पट्टियों में ओलावृष्टि से हुई क्षति का ब्लॉक स्तर पर भी ब्योरा तैयार किया जा रहा है। इसे उद्यान विभाग व प्रशासन को देंगे। ताकि प्रभावित किसानों को प्राकृतिक आपदा मद से फसल क्षति का मुआवजा दिलाया जा सके। इसमें विभाग की भी मदद लेंगे।
- रचना रावत, ब्लॉक प्रमुख