खैरना में वाहन चालकों को नहीं सुधरना
संवाद सहयोगी, रानीखेत : लाख कोशिशों के बावजूद कोसी घाटी की यातायात व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है। न
संवाद सहयोगी, रानीखेत : लाख कोशिशों के बावजूद कोसी घाटी की यातायात व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है। नो पार्किग जोन में आड़े-तिरछे वाहन खड़े कर दिए जाने से हालात और बिगड़ रहे। इससे जहां आए दिन जाम का झाम आम हो चला है, वहीं अवकाश के बाद घर लौटते बच्चों के लिए जोखिम भी बढ़ता जा रहा है। पूर्व में चयनित पार्किग स्थलों को मूर्तरूप न देने से स्थिति और बिगड़ गई है।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर कोसी घाटी स्थित खैरना चौराहा जाम का सबब बन चुका है। आलम यह है कि नो पार्किग जोन में छोटे बड़े वाहन खड़े कर दिए जाते हैं। यह हाल तब है जब जाम से आजिज स्थानीय लोग खैरना का पार्किग स्थल अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग उठा चुके हैं। मगर पुलिस प्रशासन इसे कतई गंभीरता से नहीं ले रहा।
हाइवे के दोनों ओर वाहनों का अनिधिकृत रेला, बीच में संकरी सड़क से तेज रफ्तार वाहनों की आवाजाही से छुट्टी के बाद स्कूल से घर लौटते बच्चों के चपेट में आने का खतरा सो अलग। रोजाना जाम व बिगड़ती यातायात व्यवस्था के मद्देनजर पूर्व ग्राम प्रधान पूरन लाल साह ने प्रशासन से बाजार क्षेत्र में नो पार्किग जोन पर वाहन खड़े किए जाने पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठाई है। साथ ही पार्किग के लिए निर्धारित स्थल पर ही वाहनों को खड़ा किए जाने पर जोर दिया है।
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ठंडा पड़ा पार्किग स्थलों का मामला
कोसी घाटी को जाम से मुक्त रखने के लिए बीते वर्ष तत्कालीन एसडीएम दयानंद सरस्वती ने सकारात्मक कदम उठाया था। नगरवासियों व व्यापारी नेताओं के साथ सर्वे कर तहसील के समीप, डाकघर, पेट्रोल पंप व गरमपानी बाजार में अलग अलग रुट के वाहनों का पार्किग स्थल का खाका तैयार कर लिया गया था। इससे व्यवस्था दुरुस्त होने की उम्मीद जगी थी। बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
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'प्रशासन गंभीर है। बाजार में जहा तहा वाहन खड़े करने वालों के खिलाफ अभियान चला कार्रवाई करेंगे। जुर्माना भी वसूला जाऐगा। क्षेत्र को जाममुक्त बनाने के लिए पार्किग स्थल निर्धारित करने के प्रयास तेज किए जाएंगे।
-प्रमोद कुमार, एसडीएम कोश्या कुटोली