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व्हाट्सएप ने दिया भूकंप से ज्यादा झटका

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: मंगलवार रात चेतावनी थी कि पिथौरागढ़ भूकंप का केंद्र है, जो भारी तबाही मच

By Edited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 03:29 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 03:29 PM (IST)
व्हाट्सएप ने दिया भूकंप से ज्यादा झटका
व्हाट्सएप ने दिया भूकंप से ज्यादा झटका

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा:

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मंगलवार रात चेतावनी थी कि पिथौरागढ़ भूकंप का केंद्र है, जो भारी तबाही मचा सकता है। व्हाट्सएप पर उड़ी इस खबर ने पहाड़ को बेचैन कर दिया। आनन-फानन में ही लोग इस खबर की पुष्टि में लग गए, लेकिन कहीं से कोई पुख्ता सूचना नहीं थी। लोग भरोसा इसलिए भी कर रहे थे कि सोशल मीडिया पर उड़ी खबर में यह भी लिखा था कि जिलाधिकारी पिथौरागढ़ ने सभी को सचेत रहने के निर्देश दे दिए है। कुल मिलाकर भूकंप से ज्यादा झटका लोगों को व्हाट्सएप की खबर ने दिया।

बहरहाल, भूकंप तो नहीं आया और लोगों की रात डर के बीच गुजर गई। तमाम लोग अल्मोड़ा से पिथौरागढ़ में रह रहे लोगों की फोन पर ही खैर-खबर लेते रहे। हालांकि सुबह सब कुछ साफ हो चुका था। पुलिस प्रशासन पूरे दल-बल के साथ सड़क पर दिखाई दे रहा था। माल रोड स्थित नगर पालिका पर आपदा प्रबंधन की टीम मॉकड्रिल में जुटी थी। यह सब लोगों को देखने में मजा भी आ रहा था और लोग सीख भी रहे थे। हालांकि तमाम लोग ऐसे भी थे जो इस सब की खिल्ली भी उड़ा रहे थे। दरअसल, भीड़ के बीच तमाम लोग यह कहते गुजर गए कि जब आपदा आएगी तब यह सब नजर नहीं आएगा। बातों को सुनकर ऐसा लगा कि लोगों को यह भरोसा ही नहीं है कि आपदा के वक्त सही समय पर राहत पहुंच भी सकती है।

इनसेट

एक घायल को निकालने में लगे एक घंटे

माल रोड पर आपदा प्रबंधन की टीम राहत कार्य में जुटी थी और सब लोग बड़े चाव से देख भी रहे थे। नगर पालिका की छत पर कुछ घायल थे, जिन्हें तुरंत राहत पहुंचानी थी। सूचना पर आनन-फानन में टीम पहुंच गई। माल रोड पर यातायात दोनों ओर से रोक दिया गया। सड़क से नगर पालिका की छत पर रस्सी डाली गई। ताकि घायल को रस्सी के सहारे नीचे लाया जा सके। आनन-फानन में घायल को स्ट्रेचर पर बांधा गया और फिर उसे नीचे आती रस्सी से लटका दिया गया। हालांकि स्ट्ररेचर नीचे झूल रहे बिजली के तारों में अटक गया। एक बार फिर स्ट्ररेचर को ऊपर खींचा गया। बीच में आ रहे तारों को किनारे करने के बाद घायल को सड़क तक लाया जा सका। जिसके बाद उसे एंबुलेंस के जरिये अस्पताल भेज दिया। हालांकि इन सब में एक घंटे से ज्यादा का वक्त गुजर गया और अगर यह मॉक ड्रिल की बजाय वाकई में हादसा होता तो इतना वक्त किसी भी घायल को मौत तक ले सकता है।

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कोई यहां मरा तो कोई वहां मरा

बुधवार सुबह पूरा जिला आपदा से प्रभावित था। हर ओर से लोगों के घायल और मर जाने की खबर आ रही थी। हालांकि यह सब केवल वायरलेस पर हो रहा था, जो मॉकड्रिल का हिस्सा था। सुबह ही जिले में 80 से ज्यादा के मरने की खबर थी और दोपहर पता लगा कि अल्मोड़ा में भी पांच के मरने की खबर है। इधर, वायरलेस पर मौजूद एसडीएम विवेक राय लगातार टीम ने सचेत करते सुनाई दे रहे थे। ऐसा लगा मानो सच ही जिला आपदा की चपेट में हो और प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ लोगों तक राहत पहुंचाने में जुटा हो।


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