रानीखेत में बनेगा पहाड़ का 'मिनी कॉर्बेट पार्क'
संवाद सहयोगी, रानीखेत: पर्यटक नगरी से सटा जैव विविधता से लबरेज दलमोठी वन क्षेत्र 'मिनी कॉर्बेट पार्क
संवाद सहयोगी, रानीखेत: पर्यटक नगरी से सटा जैव विविधता से लबरेज दलमोठी वन क्षेत्र 'मिनी कॉर्बेट पार्क' की शक्ल लेगा। 'फ्लोरा एंड फॉना' फॉर्मूला के साथ इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में कवायद तेज हो गई है। सैलानियों का रुझान खींचने के लिए जंगल सफारी व हिरन प्रजनन केंद्र स्थापित किए जाने की भी योजना है।
पर्यटक नगरी रानीखेत के एतिहासिक गोल्फ ग्राउंड की सीमा से शुरू तकरीबन 1200 हेक्टेअर से अधिक क्षेत्रफल में फैला दलमोठी रेंज अपने खास पारिस्थितिक तंत्र व जैव विविधता के लिए जाना जाता है। इसीलिए यह कुमाऊं के चुनिंदा पर्वतीय जंगलों में शुमार है। प्रकृति की इसी नेमत को फ्लोरा एंड फॉना फॉर्मूला के तहत मिनी कॉर्बेट की शक्ल देने के लिए वर्ष 2014 में मास्टर प्लान बना। ताकि दलमोठी को इको-टूरिज्म से जोड़ पर्यटन विकास को बढ़ावा दिया जा सके। अब पहल रंग लाने लगी है। वन मंत्रालय की दिलचस्पी के बाद मुख्यमंत्री ने इको टूरिज्म विकास को 50 लाख का बजट स्वीकृत कर दिया है।
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ये होंगे लाभ
- रानीखेत का अद्भुत वन क्षेत्र पर्यटन गतिविधियों का बड़ा केंद्र बनेगा
- वन एव वन्य जीव संरक्षण की दिशा में ठोस योजनाएं बनेंगी
- दुर्लभ वनस्पतियों को बचाने में मिलेगी मदद
- हिरन, चीतल तथा मोनाल, जंगली मुर्गियां आदि के खुले बाड़े
- शोध एवं अनुसंधान के रास्ते खुलेंगे
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दलमोठी वन क्षेत्र की खासियत
= बहुपयोगी चौड़ी पत्ते वाले बांज, बुरांश, काफल, उतीस आदि पारिस्थितिक तंत्र में सहायक हजारों वनस्पतियां
= गुलदार (लेपर्ड), काला भालू, जंगल कैट, जंगली सुअर, हिरन, घुरड़, काकड़, बारहसिंघा बहुतायत में
= जंगली मुर्गियां, मोनाल परिवार, तीतर, बटेर आदि बढ़ाते हैं जंगल की शोभा
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दलमोठी में पर्यटन विकास व वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में यह पहल लाभकारी रहेगी। इको टूरिज्म के लिए पहले चरण में
आंतरिक रोड दुरुस्त कर पर्यटकों के लिए सफारी की योजना है। हिरन प्रजनन केंद्र भी स्थापित किया जाना है।
-एसआर प्रजापति, डीएफओ अल्मोड़ा