बजट के खेल में भविष्य का खतरा तक भूले
जागरण टीम, रानीखेत/ गरमपानी : बजट की बाजीगरी ही नहीं बगैर सड़क निर्माण में भूगर्भीय सर्वे ताक पर रख क
जागरण टीम, रानीखेत/ गरमपानी : बजट की बाजीगरी ही नहीं बगैर सड़क निर्माण में भूगर्भीय सर्वे ताक पर रख कटान किया जा रहा है। नतीजा बरसात में भूकटाव या भूस्खलन से जहां सड़के ध्वस्त हो जाती है, वहीं सरकारी धन की बर्बादी भी हो रही है। हरोली को गैरखाल से जोड़ने वाली सड़क इस तकनीकी खामी का पुख्ता प्रमाण है, जिसे अवैज्ञानिक तरीके से उस सिमराण गधेरे के करीब से कटान कर बना दिया गया है। जो प्रत्येक बरसात में व्यापक तबाही मचाता है।
बेतालघाट ब्लॉक में हरोली से गैरखालगांव तक 1.3 किमी सड़क को बीते वर्ष स्वीकृति दी गई थी। करीब 95 लाख की लागत वाले इस मोटर मार्ग का निर्माण जनवरी 2016 में शुरू किया गया। मगर योजनाकार व ग्रामीण निर्माण विभाग के अभियंताओं ने दूरगामी परिणामों की परवाह किए बगैर सिमराण गधेरे के काफी करीब से रोड कटान करा दिया। यह गधेरा बरसात में बड़े पैमाने पर भूकटाव कर तबाही मचाता आ रहा है। मगर संभावित खतरा दरकिनार कर सड़क निर्माण कराया जा रहा है। ऐसे में यदि अबकी बरसात गधेरा उफनाया तो सरकारी बजट की बर्बादी तय है।
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याद है आज भी गधेरे की तबाही
-वर्ष 1993 व 2010 की आपदा में सिमराण गधेरे ने कई हेक्टेयर कृषि भूमि तबाह कर दी थी। स्थानीय राजेंद्र सिंह व हरीश राम बताते हैं कि व्यापक भूकटाव भी किया। हरोली, जावा, गैरखाल व डोलकोट गांव के किसान आज भी नहीं उबर सके हैं।
==इंसेट==
'सिमराण गधेरे में मनरेगा योजना के तहत कंक्रीट ब्लॉकों का निर्माण कराया जा रहा है। इससे सड़क सुरक्षित रहेगी। निर्माण से पूर्व भूगर्भीय सर्वे कराया गया है।
इंद्र सिंह चिलवाल, अपर सहायक अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग'
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'सिमराण गधेरे में सुरक्षात्मक कार्य करवाए जाने को सिंचाई विभाग से प्रस्ताव बनवाया गया था। परंतु केंद्र से विभाग को बजट उपलब्ध न होने से सुरक्षात्मक कार्य नहीं हो सके।
-सतीश नैनवाल, ब्लॉक प्रमुख बेतालघाट'