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अबकी बरसात आसान न होगा हाईवे पर सफर

जागरण टीम, रानीखेत/ गरमपानी : जोखिम भरे अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर अबकी बरसात सफर आसान न होगा। वज

By Edited By: Published: Thu, 23 Jun 2016 07:55 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2016 09:04 AM (IST)
अबकी बरसात आसान न होगा हाईवे पर सफर

जागरण टीम, रानीखेत/ गरमपानी : जोखिम भरे अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर अबकी बरसात सफर आसान न होगा। वजह फिर वही विभागीय चूक। साल दर साल खतरनाक होती जा रही अतिसंवेदनशील पहाड़ियों का कहर थामने को ठोस कार्ययोजना इस वर्ष भी न बन सकी। अब जबकि आसमान से आफत बरसने लगी है तो भूस्खलन का संकट भी गहराता जा रहा है। इससे सुरक्षित सफर की चुनौती बढ़ने के प्रबल आसार हैं।

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दरअसल, 2010 की प्रलयंकारी त्रासदी के बाद जौरासी फेज वन व टू, नावली, लोहाली, पाडली, भौरियाबैंड, दोपाखी, रामगाढ़, रातीघाट आदि तमाम डेंजर जोन तैयार हो गये थे। इन सभी स्थानों पर अतिसंवेदनशील पहाड़ियों से लगातार भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग नाजुक हालत में पहुंच गया।

2012 में क्रोनिक जोन जौरासी से भूस्खलन के कारण पखवाड़ा भर तक हाईवे ठप रहा था। माह भर तक चले ऑपरेशन जौरासी के जरिये काफी हद तक खतरा तो टाल दिया गया लेकिन जोखिम बना हुआ है। इसी तरह अन्य पहाड़ियां खासतौर पर पाडली कहर बरपाने पर आमादा है। हैरत की बात है सुरक्षात्मक कार्यो के लिए नेशनल हाईवे प्रशासन कई प्रस्ताव बना कर केंद्रीय भूतल मंत्रालय से बाकायदा बजट भी ले चुका है। मगर भूगर्भ वैज्ञानिकों की चेतावनी के बावजूद दीर्घकालीन ठोस योजना अब तक नहीं बन सकी है। ऐसे में दरकती पहाड़ियों से भूस्खलन रोकने को पुख्ता उपाय न होने से इन चार वर्षो में अतिसंवेदनशील स्थानों की स्थिति और भयावह हो गई है। अब जबकि वर्षाकाल बस करीब है, सुरक्षित सफर पर संशय मंडराने लगा है। वहीं बिन बरसात ही दरकने वाली पहाड़िया तेज वर्षा में नई चुनौती खड़ी कर सकती है।

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एनएच अलर्ट, निगरानी शुरू

मौसम व बारिश की बदली प्रवृत्ति ने एनएच प्रशासन को भी हलकान कर दिया है। संभावित अतिवृष्टि में नाजुक हाईवे पर सफर न थमे, इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है। अधिशासी अभियंता महेंद्र कुमार के निर्देश पर दो सहायक व तीन अवर अभियंताओं को राष्ट्रीय राजमार्ग की नियमित मॉनीटरिंग के लिए मुस्तैद कर दिये गये हैं। भूस्खलन के लिहाज से खतरनाक स्थानों के आसपास तीन जेसीबी मशीनें भी लगा दी गई हैं। ताकि संकटकाल में मलबा हटाने का काम तेजी से किया जा सके।

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'हम सतर्क हैं। अतिवृष्टि में खतरा बढ़ा तो रूट डायवर्ट कर दिया जाएगा। भूस्खलन से निपटने को ठोस कार्ययोजना बनाई है। पांच अभियंता लगातार मॉनीटरिंग करेंगे। जहां भी संकट आएगा, जेसीबी से मलबा हटा यातायात सुचारु करने का त्वरित प्रयास किया जायेगा।

- महेंद्र कुमार, अधिशासी अभियंता एनएच'


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