Move to Jagran APP

लाइफ लाइन पर खतरे में जान

संवाद सहयोगी, रानीखेत: भूगर्भीय लिहाज से अति संवेदनशील कुमाऊं की 'लाइफ लाइन' हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईव

By Edited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 11:25 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 11:25 PM (IST)
लाइफ लाइन पर खतरे में जान

संवाद सहयोगी, रानीखेत: भूगर्भीय लिहाज से अति संवेदनशील कुमाऊं की 'लाइफ लाइन' हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे पर बढ़ते जोखिम के बावजूद तंत्र बेपरवाह बना है। यह हाल तब है, जब 2010 की प्रलयंकारी आपदा के बाद दर्जन भर डेंजर जोन कहर बरपाने पर आमादा हैं। मगर चार साल में करोड़ों खर्च कर भी सुरक्षात्मक कार्य आधे-अधूरे पड़े हैं। ऐसे में नई चुनौती बनी पाडली की अति संवेदनशील पहाड़ी को थामने के लिए ठोस कार्ययोजना के बजाय शिप्रा नदी में मलबे व पत्थरों का ढेर लगा नई मुसीबत मोल ली जा रही है।

loksabha election banner

भूगर्भ वैज्ञानिकों की पूर्व चेतावनी पर अमल व बढ़ती दुश्वारियों से सबक के बजाय लगता है एनएच प्रशासन राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंडरा रहे संकट को बेहद हल्के में लेने का आदी हो चुका है। तभी तो हाईवे पर जन सुरक्षा के मद्देनजर वैज्ञानिक तकनीक पर आधारित कार्ययोजना तैयार करने में तंत्र कतई दिलचस्पी नहीं ले रहा। करोड़ों खर्च होने के बावजूद डेंजर जोन रातीघाट, रामगाड़, दोपाखी, भौरियाबैंड, छड़ा, लोहाली, जौरासी फेज वन व फेज टू, नावली, काकड़ीघाट आदि अति संवेदनशील इलाकों में सुरक्षात्मक कार्य अधूरे पड़े हैं। रही-सही कसर इस बार टूटी पाडली की पहाड़ी ने पूरी कर दी है। दूसरी ओर, भूगर्भीय सर्वे तो दूर एक अदद प्रस्ताव तक नहीं बना है।

==== इंसेट ===

जेसीबी व अवैध खदान घातक

विशेषज्ञों की मानें तो पहाड़ में जेसीबी से खदान, मुनाफे के फेर में पत्थरों के अवैध खनन ने हाईवे पर पहाडि़यों की बुनियाद खोखली कर दी है। इससे अति संवेदनशील भूभाग के ऊपरी हिस्सों से भूस्खलन हो रहा है।

इंसेट

आंकड़ों में डेंजर जोन का कहर

2008 : काकड़ीघाट में गिरे पत्थर, गरमपानी का ग्रामीण मरा

2010 : लोहाली में आल्टो पर गिरा बोल्डर, यात्री की मौत

2011 : भौरियाबैंड की पहाड़ी दरकी, देहरादून के सेवानिवृत्त सैन्य अफसर की मौत

2011 : इसी डेंजर जोन पर रोडवेज बस पर बोल्डर गिरा, आधा दर्जन यात्री जख्मी

2012 : कार पर बोल्डर गिरा, राजेंद्र नगर हल्द्वानी निवासी यात्री की मौत

2012 : पाडली में भूस्खलन, राहगीर मरा

2013 : पाडली में भूस्खलन, मलबे समेत स्कूली बच्चों से भरी मैक्स खाई में गिरी, 10 बच्चे घायल

2014 व 2015 में यात्रियों से भरी केमू बस, आधा दर्जन कार व जीप पत्थर व मलबे की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त। जगह-जगह भूस्खलन ने हाईवे ठप रखा।

वर्जन

जनसुरक्षा से खिलवाड़ कतई नहीं किया जाएगा। सुरक्षात्मक कार्य शुरू कराने के लिए एनएच अफसरों को कड़े निर्देश दिए जाएंगे।

- दीपक रावत, डीएम नैनीताल

वर्जन

बहुत जल्द भूगर्भीय सर्वे कराएंगे। काफी ऊंचाई से पहाड़ी दरक रही है। संकट न बढ़े शीघ्र सुरक्षात्मक कार्यो के लिए प्रस्ताव भी भेजेंगे।

- एमबी थापा, एई एनएच


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.