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नियम तार-तार, लिंगदोह समिति को ठेंगा

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : कुमाऊं विवि के एसएसजे परिसर में छात्रसंघ चुनाव की तिथि स्पष्ट भी नहीं है

By Edited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 11:17 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 11:17 PM (IST)

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा :

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कुमाऊं विवि के एसएसजे परिसर में छात्रसंघ चुनाव की तिथि स्पष्ट भी नहीं है, मगर लिंगदोह समिति की सिफारिशें तार-तार होती दिख रही हैं। संभावित प्रत्याशियों व उनके समर्थकों ने शहर का चप्पा-चप्पा पोस्टर, पंफलेट व बैनरो से पाट दिया है। मामले में प्रशासन भी चुप्पी साधे है।

छात्रसंघ चुनाव के लिए लिंगदोह समिति की सिफारिशों के आधार पर कई नियम बने हैं, जो वर्ष 2009-10 से प्रभावी हैं। मगर इनका पालन कराने की कोशिश न प्रशासन कर रहा है और न छात्र ही इसकी गंभीरता समझ रहे हैं।

नियमों के मुताबिक चुनाव लड़ने के लिए छात्र का कक्षा में कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। प्रत्याशी का अधिकतम चुनाव खर्चा पांच हजार रुपये तय है। इसके अलावा प्रिंटेड पोस्टर, पंफलेट या प्रचार सामग्री के प्रयोग और कैंपस में लाउड स्पीकर व वाहन का प्रयोग प्रतिबंधित है। वहीं बिना अनुमति किसी भी निजी, सरकारी व गैर सरकारी संपत्तियों पर प्रचार सामग्री लगाने की मनाही है। मगर संभावित प्रत्याशियों व उनके समर्थकों का प्रचार अभियान करीब एक माह पहले से चल रहा है। पिछले वर्षो में खर्च भी विधानसभा चुनाव की तर्ज पर होती रही है। प्रचार में बड़ी मात्रा में प्रिंटेड सामग्री झोंकी जा रही है। नियम के उलट कालेज और उसके इर्द-गिर्द ही नहीं, बल्कि बाजार व सड़कों में चप्पे-चप्पे पर बड़ी मात्रा में प्रिंटेड प्रचार सामग्री बेतरतीब ढंग से चस्पा हो चुकी हैं। कहीं बैनर लहरा रहे हैं, तो कहीं होर्डिग। प्रचार सामग्री से निजी व सरकारी संपत्तियां लद चुकी हैं। छात्र नेताओं के समर्थकों की टोलियां इस बीच रात इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं।

इनसेट

लिंगदोह समिति के नियमों का उल्लंघन ठीक नहीं है। इस उल्लंघन को रोकने को अभिभावकों, संभ्रांत नागरिकों व शिक्षा से संबंध बुद्धिजीवियों के सामूहिक प्रयास की जरूरत और जिम्मेदारी है। तभी लोकतांत्रिक मर्यादा कायम रहेगी।

-प्रो. आरएस पथनी, निदेशक, एसएसजे कैंपस अल्मोड़ा

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कैंपस प्रशासन ने दी चेतावनी

अल्मोड़ा: कुमाऊं विवि के एसएसजे परिसर की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. दया पंत ने परिसर के छात्रसंघ चुनाव 2015-16 के संभावित प्रत्याशियों व उनके समर्थक छात्र-छात्राओं को आगाह किया है कि वे लिंगदोह समिति की सिफारिशों व सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा है कि नियमों के उल्लंघन पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी स्वयं जिम्मेदार होंगे। परिसर के कुलानुशासक प्रो. जगत सिंह बिष्ट पहले ही हिदायत दे चुके हैं कि परिसर में प्रचार सामग्री चिपकाने से बचें। नियम तोड़ने वाले छात्रों को निलंबित कर निष्कासन की कार्रवाई की जा सकती है।


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