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जल संस्थान पर फूटा गुस्सा, तोड़फोड़

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : बीते चार दिनों से पेयजल की अनियमित आपूर्ति के बाद नगर के उपभोक्ताओं का गु

By Edited By: Published: Mon, 29 Jun 2015 10:15 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2015 10:15 PM (IST)
जल संस्थान पर फूटा गुस्सा, तोड़फोड़

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : बीते चार दिनों से पेयजल की अनियमित आपूर्ति के बाद नगर के उपभोक्ताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उपभोक्ताओं ने सोमवार को जल संस्थान के खिलाफ नारेबाजी की और अधिकारियों का घेराव कर जल संस्थान के कार्यालय में तोड़फोड़ भी की। उपभोक्ताओं ने कहा है कि अगर शीघ्र पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं की गई तो विभाग के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।

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मानसून की पहली बारिश के बाद से ही नगर में पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई थी। लगभग चार दिनों तक आपूर्ति ठप होने के बाद बमुश्किल रविवार को पेयजल आपूर्ति हुई। लेकिन सोमवार को फिर पेयजल आपूर्ति ठप हो गई। सोमवार को पेयजल आपूर्ति न होने पर नगर के विभिन्न मोहल्लों के लोगों का सब्र जवाब दे गया। नगर के पोखरखाली, हीरा डूंगरी व एनटीडी मोहल्ले के लोग पालिका सदस्य मुकेश नेगी के नेतृत्व में एडम्स के पास एकत्र हो गए। उपभोक्ताओं ने जल संस्थान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बाद में अधिकारियों के घेराव के लिए जल संस्थान के दफ्तर पहुंच गए। जहां उपभोक्ताओं की जल संस्थान के अधिकारियों से तीखी नोकझोंक भी हुई। जल संस्थान के अधिकारियों ने उपभोक्ताओं से कोसी नदी में सिल्ट के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित होने की बात कही। लेकिन अधिकारियों की इस बात से उपभोक्ता और भी नाराज हो गए। गुस्साए लोगों ने जल संस्थान के कार्यालय के शीशे तोड़ डाले। बाद में एनटीडी चौकी के प्रभारी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और गुस्साए लोगों को शांत कराया। उपभोक्ताओं ने कहा कि अगर शीघ्र नगर में पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं की गई तो उपभोक्ता विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे।

जनप्रतिनिधि बने मूक दर्शक

अल्मोड़ा : भाजपा के नगर अध्यक्ष धर्मेद्र बिष्ट ने कहा है कि नगर का जनता पेयजल के लिए त्राहि-त्राहि कर रही है। वहीं नगर के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि व्यवस्था को सुधारने के बजाय मूकदर्शक बने हुए हैं। बिष्ट ने कहा है कि पेयजल के लिए नगर की जनता धरना, प्रदर्शन और घेराव जैसी कार्रवाई पर मजबूर हैं। लेकिन न प्रशासन उनकी सुध ले रहा है और न ही जनप्रतिनिधि। बिष्ट ने कहा कि इस तरह के हालात में विधानसभा के विधायक मनोज तिवारी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।


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