निजी स्कूलों की मनमानी से चढ़ा पारा
अल्मोड़ा: निजी स्कूलों में हर बरस शुल्क में बेतहाशा वृद्धि के विरुद्ध गुरुवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं
अल्मोड़ा: निजी स्कूलों में हर बरस शुल्क में बेतहाशा वृद्धि के विरुद्ध गुरुवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने तीखे तेवर दिखाए। पब्लिक स्कूलों को बेलगाम छोड़े जाने के खिलाफ आक्रोश जताते हुए वह गुरुवार को डीएम दरबार धमके और उन्होंने पब्लिक स्कूलों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
पब्लिक स्कूलों में फीस वृद्धि को लेकर अब आक्रोश के स्वर लगातार फूट रहे हैं। कई संगठन इसका विरोध कर चुके हैं। इसी क्रम में गुरुवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं का दल भी डीएम कार्यालय के समक्ष पहुंचा, जहां उन्होंने पब्लिक स्कूलों की मनमानी के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार शुल्क तीन वर्ष में 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है, परंतु हर वर्ष यहां 50 से 90 प्रतिशत तक शुल्क वृद्धि की जा रही है। इतना ही नहीं हर वर्ष अगली कक्षा में अपने ही विद्यालय के विद्यार्थी से प्रवेश शुल्क लिया जाता है। अभिभावकों को अनुबंधित दुकानों से ही किताबें व ड्रेस क्रय करने के लिए बाध्य किया जाता है। कुछ पब्लिक स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम ही लागू नहीं है, तो कहीं आरटीई के मानकों की खुली धज्जियां उड़ रही हैं।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि इतनी मनमानी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने डीएम विनोद कुमार सुमन को ज्ञापन सौंपते हुए पब्लिक स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने को ठोस कदम उठाने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया। ऐसा नहीं होने की दशा में विद्यालयों में जाकर आंदोलन करने की चेतावनी दी। मौके पर प्रदेश सह मंत्री राजेंद्र राठौर, रविशंकर गुसाई, अशोक कनवाल, कमलेश भाकुनी, ललित मोहन, अक्षित पांडे, पंकज मेहता, पूरन नगरकोटी, दयाशंकर, अक्षय सुयाल, दीपक वर्मा, जगदीश गोस्वामी, हर्षवर्धन, आशीष जोशी, संजय भारद्वाज, प्रमोद लोहनी, रजत बिष्ट, सुनील कठायत, इंतकाब आलम, राहुल जोशी, अंकित तिवारी, विनोद लटवाल आदि थे।