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पहाड़ में बरसने लगी आफत

रानीखेत/गरमपानी : पिछले चार दिनों की बारिश के बाद पहाड़ में अब आफत बरसने लगी है। कुमाऊं की 'लाइफ लाइन

By Edited By: Published: Mon, 02 Mar 2015 10:27 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2015 10:27 PM (IST)

रानीखेत/गरमपानी : पिछले चार दिनों की बारिश के बाद पहाड़ में अब आफत बरसने लगी है। कुमाऊं की 'लाइफ लाइन' हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे पर जोखिम बढ़ गया है। जगह-जगह भूस्खलन से बोल्डरों के साथ मलबा गिरने लगा है। डेंजर जोन पाडली में स्कॉर्पियो पर पत्थर गिरने से चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। उधर रातीघाट के पास भी यात्रियों से भरी जीप बोल्डर की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि सवारियां बाल-बाल बच गई। उधर खैरना-रानीखेत स्टेट हाईवे पर भी सफर खतरनाक हो गया है। अतिसंवेदनशील भुजान की पहाड़ी दरकने से राजमार्ग घंटा भर बंद रहा। यात्रियों ने मेहनत कर बोल्डर हटाए। तब खतरों के बीच सफर बमुश्किल शुरू हो सका।

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हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे पर दर्जन भर अतिसंवेदनशील पहाड़ियों ने फिर खतरे का संकेत दे दिया है। लगातार बारिश के बीच डेंजर जोन दरकने लगे हैं। सोमवार सुबह रामगाढ़ के पास दोपाखी में विशालकाय बोल्डर हाईवे पर जा गिरा। सड़क से टकराने के बाद एक टुकड़ा शिप्रा नदी की ओर छटका जबकि दूसरा पास से गुजर रहे ट्रक व अन्य वाहनों से टकराते बचा।

एक अन्य खतरनाक जोन पाडली में स्कॉर्पियो यूके 04-टीए-2338 पर पत्थर गिरने से चालक दयाल नाथ पुत्र पदीनाथ निवासी इंदिरा नगर रानीबाग हल्द्वानी (नैनीताल) घायल हो गया। वह बुकिंग में जागेश्वर जा रहा था। उसके सिर पर गहरी चोट पहुंची। इमरजेंसी 108 सेवा से उसे सीएचसी खैरना स्थित शील हास्पीटल पहुंचाया गया। वहां से चिकित्सकों ने उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया। वहीं सिमलखा से खैरना आ रही यात्रियों से भरी टाटा सूमो यूके 01-टीए-0735 पर रातीघाट-बेतालघाट रोड पर बोल्डर गिर गया। यहां कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। इससे टैक्सी क्षतिग्रस्त हो गई। यात्री बाल-बाल बचे। उधर खैरना-रानीखेत स्टेट हाईवे पर अतिसंवेदनशील भुजान की पहाड़ी दरक गई। नतीजतन घंटे भर तक राजमार्ग ठप रहा। जाम में फंसे यात्रियों ने किसी तरह बोल्डर हटाए तो खतरों के बीच सफर सुचारु हो सका। हालांकि जोखिम बरकरार है।

=== इंसेट===

हाईवे पर यहां बढ़ा खतरा

= जौरासी फेज-वन व टू, लोहाली, पाडली, भौरियाबैंड, थुवा हिल, दोपाखी, रातीघाट, नावली, काकड़ीघाट आदि (यहां पत्थरों की)


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