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शौचालय घोटाले की होगी जांच

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : शौचालयों के निर्माण में लाखों के गबन के मामले में डीएम विनोद कुमार सुमन

By Edited By: Published: Tue, 24 Feb 2015 10:53 PM (IST)Updated: Tue, 24 Feb 2015 10:53 PM (IST)

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : शौचालयों के निर्माण में लाखों के गबन के मामले में डीएम विनोद कुमार सुमन ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शौचालय निर्माण में गबन के मामले को दैनिक जागरण ने दो दिन पूर्व प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसे गंभीरता से लेते हुए डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।

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धौलादेवी विकास खंड के कोल ग्राम सभा में स्वजल परियोजना के तहत शौचालय निर्माण के प्रोत्साहन राशि को डकारने का मामला उजागर हुआ था। कई शौचालयों के निर्माण की प्रोत्साहन राशि मृतकों और अज्ञात लोगों के नाम पर अपनी जेब भर ली गई। यही नहीं, बिना शौचालय निर्माण के धनराशि स्वीकृत कर दूसरे के नाम पर दी गई प्रोत्साहन राशि उड़ा दी गई। शौचालय निर्माण में घपले के इन मामलों को दैनिक जागरण ने 22 फरवरी के अंक में प्रथम पेज पर प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही विभागीय अमले में हड़कंप मच गया। घपले के मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब की है। डीएम ने कहा कि घपले में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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प्रधान ने माना पात्रों को नहीं मिल रहा लाभ

अल्मोड़ा : स्वजल विभाग में चल रहे गड़बड़झाले के बाद कोल गांव के ग्राम प्रधान बिहारी नंदन बहुगुणा ने माना कि इस योजना के तहत पात्र लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि कोल ग्राम सभा में पंचायत चुनावों से पहले आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से विभाग द्वारा शौचालयों के निर्माण की प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन मांगे गए थे। पंचायत चुनावों के बाद पंचायतें गठित हुई तो प्रधानों के खातों में चेक के माध्यम से यह धनराशि भेजी गई। उनकी ग्राम सभा में मृत व्यक्ति, गांव में न रहने वाले व्यक्ति और बिना शौचालय निर्माण के एक व्यक्ति को लाभ देने की कोशिश की गई, जिन्हें उन्होंने अपात्र पाया। उन्होंने परियोजना प्रबंधक के इस बयान पर भी नाराजगी जताई है, जिसमें उनके द्वारा कहा गया कि ग्राम प्रधान ने पात्रों द्वारा योजना का लाभ न लेने की बात कही है। बहुगुणा ने कहा है कि विभाग को आवेदनों की जांच के बाद ही प्रोत्साहन की राशि पात्र लोगों को देनी चाहिए।


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