सूबे में टाइगर सरीखा रुतबा पाएगा गुलदार!
जागरण संवाददाता, रानीखेत : सीमा की हिफाजत के साथ ही सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) अब वन एवं वन्य जीवों के
जागरण संवाददाता, रानीखेत : सीमा की हिफाजत के साथ ही सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) अब वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण का भी बीड़ा उठाएगा। खास बात कि उत्तराखंड में बल का प्रतीक चिह्न एवं पर्वतीय राज्य की शान 'गुलदार' के लिए टाइगर की तर्ज पर 'लेपर्ड प्रोजेक्ट' का प्रस्ताव केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा जाएगा। इसका मकसद पहाड़ में चरम पर पहुंचे मानव-गुलदार संघर्ष को काबू में करने के साथ ही हिमालयी प्रांत की जैव विविधता, पर्यावरण, जंगलात एवं पारिस्थितिक तंत्र की कड़ी को और मजबूत बनाना है।
देश की आंतरिक व वाह्य सुरक्षा के साथ सामाजिक गतिविधियों मसलन आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में भागीदारी बढ़ा रहा एसएसबी वन, वन्य जीव, पर्यावरण आदि ज्वलंत चुनौतियों से भी निपटेगा। एसएसबी के सीमांत मुख्यालय गनियाद्योली (रानीखेत) में चौथे वार्षिक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे अपर महानिदेशक (भारतीय पुलिस सेवा) एवं वन्य जीव विशेषज्ञ सोमेश गोयल ने कहा- देश खासतौर पर हिमालयी राज्य की वन संपदा व पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। ताकि घटते जंगलात, खत्म होती जैव विविधता व टूटते पारिस्थितिक तंत्र को बचाया जा सके।
एक जवाबी सवाल में एडीजी गोयल ने कहा कि टाइगर की भांति पर्वतीय जंगलों के राजा गुलदार के संरक्षण को लेपर्ड प्रोजेक्ट का प्रस्ताव केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को दिया जाएगा। ताकि इस दिशा में बेहतर पहल के साथ मानव एवं गुलदार संघर्ष पर काबू पाया जा सके।
=== इंसेट===
वन्य जीव तस्करों निपटेगा एसएसबी
वन एवं वन्य जीवों पर गहन शोध एवं अध्ययन बाद अब तक तीन महत्वपूर्ण किताबें लिख चुके एडीजी गोयल के मुताबिक वन्य जीव तस्करों से निपटने को खास मुहिम छेड़ी जाएगी। बल के तेज तर्रार जवानों के लिए बाकायदा प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।