दफ्तर में ताला, ईओ बंधक
जागरण संवाददाता, द्वाराहाट : ऐतिहासिक स्थल से अवैध निर्माण ढहाने में हीलाहवाली पर नगर पंचायत प्रशासन
जागरण संवाददाता, द्वाराहाट : ऐतिहासिक स्थल से अवैध निर्माण ढहाने में हीलाहवाली पर नगर पंचायत प्रशासन के खिलाफ जनाक्रोश भड़क उठा है। बार-बार जनांदोलनों के बावजूद अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई न की गई तो गुस्साए आंदोलनकारियों ने तालाबंदी कर अधिशासी अधिकारी को करीब घंटे भर बंधक बनाए रखा। हंगामे के बीच प्रदर्शनकारी अफसर को अपने साथ अतिक्रमण स्थल पर ले गए। धरना स्थल पर अपने साथ बैठा लिया।
पौराणिक स्याल्दे बिखौती मेला मैदान व हितचिंतक भवन परिसर में अवैध निर्माण प्रकरण पर पंचायत प्रशासन के खिलाफ शनिवार को आंदोलनकारियों ने मोर्चा खोल दिया। संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने पंचायत कार्यालय में हंगामा काटा। तालाबंदी कर ईओ पंचायत को बंधक बना लिया गया। तीखी तकरार के बीच घंटे भर बाद आंदोलनकारी ईओ को अपने साथ अतिक्रमण की चपेट में आए मैदान स्थित धरना स्थल पर लेकर पहुंचे, जहां उन्हें भी बैठा लिया गया।
इसके बाद विरासतीय स्थल से अतिक्रमण हटाने के मुद्दे पर अब तक हीलाहवाली तथा अब आगे की कार्रवाई के मसले पर वार्ता का दौर शुरू हुआ। मगर समाधान नहीं निकल सका। इस मौके पर पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी, नपं अध्यक्ष विमला साह, अनिल चौधरी, विनोद जोशी, हरिदत्त फुलारा, नरेंद्र अधिकारी, लाल सिंह बिष्ट, शिव सिंह, हिम्मत सिंह, धीरेंद्र मठपाल, मुकुल साह, आशीष वर्मा, अभिषेक चौधरी, लक्ष्मण सिंह, मुकुल पंत, भूपेंद्र कांडपाल, गणेश साह, सुरेश लाल साह, हेम साह, जगदीश रौतेला आदि मौजूद रहे।
=== पैकेज===
पंचायत की बेबसी पर वार्ता बेनतीजा
- कानूनी पेच बताने पर और भड़के आंदोलनकारी
जागरण संवाददाता, द्वाराहाट : आखिर वही हुआ जिसका अंदेशा था। दो वर्षो से अतिक्रमणकारियों को अभयदान दे रहा पंचायत प्रशासन तालाबंदी के बाद आंदोलनकारियों को संतुष्ट न कर सका। कोर्ट का हवाला दे पल्ला झाड़ने पर प्रदर्शनकारियों की ईओ से वार्ता विफल हो गई। इससे भड़की संयुक्त संघर्ष समिति ने रविवार से बेमियादी आंदोलन व नगर पंचायत में अनिश्चितकालीन तालाबंदी का ऐलान किया है।
दरअसल, दो वर्ष पूर्व अतिक्रमण की चिंगारी भड़की थी, तब नगर पंचायत प्रशासन की भूमिका हमेशा सवालों के घेरे में रही। जनांदोलनों के बावजूद पंचायत ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस तो थमाए मगर कार्रवाई के नाम पर महज खानापूरी ही की गई। बीते वर्ष आखिर में भी जनदबाव तथा आंदोलन की चेतावनी के बावजूद कदम खींचने के बाद से ही पंचायत प्रशासन पर विभिन्न संगठनों की निगाह टेढ़ी हो चुकी थी। शनिवार को संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर तालाबंदी कर ईओ को घंटे भर बंधक बनाए रखने के बाद वार्ता के जरिए समाधान ढूंढने का प्रयास भी किया गया। मगर ईओ पंचायत के कोर्ट में वाद लंबित होने का हवाला दे बेबसी बयां की तो वार्ता विफल हो गई। वहीं आंदोलन और भड़क उठे। उन्होंने रविवार से नगर पंचायत के खिलाफ बेमियादी आंदोलन का भी ऐलान किया।
=== इंसेट===
'अतिक्रमण मामले में 23 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। इससे पूर्व 20 फरवरी को ट्रायल कोर्ट में मामले में सुनवाई होगी। 21 को एसडीएम कोर्ट में कथित तौर पर अवैध रूप से कराए गए दाखिल खारिज प्रकरण जबकि नौ फरवरी को एक अन्य अतिक्रमणकारी के खिलाफ भी सुनवाई होगी। कुछ वाद न्यायालयों में लंबित हैं। विधिक राय भी ली जा रही है। इसके बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकेगी।
- अशोक कुमार वर्मा, ईओ नगर पंचायत'