शहर में आधी-अधूरी व्यवस्था, गांव बेहाल
फ्लैग- हिमपात के चार रोज बाद भी पटरी पर नहीं विद्युत इंतजाम :::::: हाय बिजली ::::: = जिला मुख्या
फ्लैग- हिमपात के चार रोज बाद भी पटरी पर नहीं विद्युत इंतजाम
:::::: हाय बिजली :::::
= जिला मुख्यालय की बड़ी आबादी मोहताज, 90 फीसद दुरुस्ती का दावा
= ग्रामीण इलाकों में व्यवस्था ठीक होना बना है सपना
= किरकिरी बचाने को जद्दोजहद में महकमा, आक्रोश बढ़ा
फोटो- 18 एएलएमपी 11
परिचय- अल्मोड़ा में जेसीबी मशीन पर चढ़कर लाइन से पेड़ की टहनियां हटाते मजदूर। जागरण
फोटो- 18 एएलएमपी 20
परिचय- धौलादेवी विकासखंड में हिमपात से अस्त-व्यस्त पड़ी विद्युत लाइन। जागरण
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: भारी हिमपात से छिन्न-भिन्न हुए जिले का बिजली इंतजाम चौथे दिन भी पटरी से बाहर ही रहा। चौथे दिन नगर क्षेत्र में आधी-अधूरी व्यवस्था पटरी पर लौटी, हालांकि विभाग ने नगर क्षेत्र में 90 फीसदी क्षेत्र में व्यवस्था बहाल होने का दावा किया है, जबकि नगर के दर्जनों मोहल्लों के वाशिंदों ने चौथी रात भी घुप अंधेरे में गुजारी। ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत व्यवस्था का तो जल्द पटरी पर लौटना सपना सा बना है। सैकड़ों गांव बर्फबारी के बाद से बिजली को मोहताज हैं।
सोमवार की तड़के से बर्फबारी के बाद ध्वस्त विद्युत व्यवस्था का ग्रामीण क्षेत्र में पटरी पर लौटना तो दूर नगर क्षेत्र में तक सुकून नहीं लौट सका। हाईटेंशन व लो-टेंशन लाइनों में भारी टूटफूट होने से विद्युत महकमे के लिए व्यवस्था को पटरी पर लाना चुनौती बन बैठा है, हालांकि महकमे द्वारा ऐड़ी-चोटी का जोर लगाकर किरकिरी बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस बात का खुलासा भी हो गया कि किसी आपदा या मुसीबत के वक्त के लिए महकमा कितना मुस्तैद है। आपदा प्रबंधन की भी पोल खुलकर सामने आ गई है। हालत यह है कि चार दिनों में जिला मुख्यालय पर कुछ ही लाइनें ठीक हो पाई। यहां नगर की मुख्य बाजार का बड़ा हिस्सा, माल रोड में बस स्टेशन से शिखर तिराहा क्षेत्र, एलआर साह रोड, धारानौला के कई मोहल्लों, जिला अस्पताल, चौक बाजार, लॉ फैकल्टी, विवेकानंदपुरी वार्ड समेत इर्द-गिर्द दर्जनों मोहल्लों में चौथे दिन गुरुवार की देर शाम तक विद्युतापूर्ति नहीं हो सकी। जिला मुख्यालय के तमाम मोहल्लों ने चौथी रात भी घुप अंधेरे में गुजारी। यहां तक कि मोबाइल चार्ज करने के लिए भी यत्र-तत्र जाना पड़ रहा है। व्यापारियों व विद्युत चालित उद्योग व रोजगार से जुड़े लोगों को नुकसान झेलना पड़ा है। अस्पतालों में दिक्कतें पैदा हो गई और घरों में लोग न तो टीवी देख पाए और न ही कड़ाके की सर्दी में ऊष्मीय उपकरणों का इस्तेमाल कर पाए। लोग व्यवस्था को जी भर कर कोस रहे हैं। जिला मुख्यालय पर ये हाल है, तो ग्रामीण की दशा समझी जा सकती है। अभी पूरी व्यवस्था को पटरी पर आने में लंबा वक्त लगने की संभावना है। जिले के तमाम ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत लाइनें छिन्न-भिन्न कर दी हैं।
पनुवानौला : इस क्षेत्र में विद्युत लाइनों में बड़ी संख्या में पेड़ गिर चुके हैं। पनुवानौला बाजार में तक बिजली आपूर्ति नहीं हो सकी। धौलादेवी ब्लाक के करीब 110 ग्रामसभाएं बिजली का पांच दिनों से इंतजार कर रही हैं। वहीं भैसियाछाना ब्लाक की 54 ग्राम सभाएं बिजली को मोहताज चल रहे हैं। ग्रामीण बेहद परेशान हैं।
सोमेश्वर : क्षेत्र के कुछ हिस्सों में विद्युत व्यवस्था बहाल हो गई है। विभाग का दावा है कि इलाके के 70 फीसदी क्षेत्र में व्यवस्था बहाल कर दी है, मगर इलाके के मनसारी नाला, बयाला खालसा, चनौदा, सेराकोट, सर्प, रनमन, बजेल, ओलियागांव, अधुरिया, मनान, लोद, छानी ल्वेशाल बिजुरिया, कफाड़ी, टोटा सिलिंग व कांटली आदि ग्रामीण इलाके विद्युत से वंचित हैं। कई जगह पोल धराशायी हैं, तो कहीं लाइनें ध्वस्त। कई जगह अभी विभाग की नजर ही नहीं पड़ सकी। लोग एक अदद मोबाइल तक चार्ज नहीं करा पा रहे।