बर्फबारी ने रोकी शव की अंत्येष्टि
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: हिमपात से पहाड़ों पर आम जनजीवन तो अस्त-व्यस्त पड़ा ही है, वहीं अकाल मौत के म
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: हिमपात से पहाड़ों पर आम जनजीवन तो अस्त-व्यस्त पड़ा ही है, वहीं अकाल मौत के मुंह में समा चुके लोगों का दाह संस्कार तक भी नहीं हो पा रहा है। ऐसा ही एक मामला जनपद के धौलादेवी ब्लाक के ग्राम कांडा में आया है। यहां आंगनबाड़ी परीक्षण केंद्र के लेखाकार 40 वर्षीय नवीन चंद्र कांडपाल का शव दो दिनों से मार्ग बंद होने के कारण पनुवानौला के समीप फंसा पड़ा है।
नवीन चंद्र कांडपाल अल्मोड़ा में तैनात थे और रविवार को अपने वृद्ध चाचा रेवाधर कांडपाल की अंत्येष्टि के लिए अपने गांव कांडा गए थे। इसी बीच श्मशान घाट जाते वक्त उन्हें रास्ते में ही हार्ट अटैक पड़ा और ग्रामीण उन्हें उपचार के लिए अल्मोड़ा ले आए। यहां जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेस अस्पताल रेफर कर दिया गया। सुधरने के बजाय उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई और रात में उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके बाद उनके परिजन व ग्रामीण शव को वाहन में रखकर सोमवार तड़के अल्मोड़ा से उनके गांव को रवाना हुए, मगर भारी हिमपात व मार्ग में कई स्थानों पर विशालकाय पेड़ गिरने से वह सभी लोग जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी का सफर भी पूरा नहीं कर पाए। फलस्वरुप दो दिनों से शव के साथ ग्रामीण तोली के समीप फंसे हुए हैं और अभी तक शवदाह नहीं हो पाया है। सामाजिक कार्यकर्ता दयाकृष्ण कांडपाल के मुताबिक बंद मार्ग खुलवाने के लिए जिला प्रशासन से लेकर मंडलायुक्त से भी फोन पर गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन अभी तक सड़क नहीं खुल पाने के कारण मृतक के परिजन व ग्रामीण कड़ाके की ठंड में इस असहनीय दुख की घड़ी में सड़क किनारे पड़े हैं। उन्होंने बताया कि इस मार्ग में सैकड़ों वाहन फंसे हैं। जिनमें काफी संख्या में यात्री भी फंसे हुए हैं।