अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में खुलेंगे 'कैंसर अध्ययन केंद्र'
जागरण संवाददाता, रानीखेत : हल्द्वानी रिसर्च सेंटर के बाद सूबे में कैंसर अध्ययन केंद्र स्थापित किए जा
जागरण संवाददाता, रानीखेत : हल्द्वानी रिसर्च सेंटर के बाद सूबे में कैंसर अध्ययन केंद्र स्थापित किए जाने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए बाकायदा अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। इसके अलावा श्रीनगर व अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के निर्माण में तेजी को भी ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
यह बात कुलपति (उत्तराखंड मेडिकल कॉलेज) पद्मश्री डॉ.एमसी पंत ने कही। वह पैतृक गांव कुड़कोली के निजी भ्रमण तथा गोविंद सिंह महरा राजकीय चिकित्सालय में भर्ती ग्रामीण की कुशलक्षेम पूछने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान बातचीत में उन्होंने कहा- कैंसर से निर्णायक जंग के लिए खास मुहिम की जरूरत है। इसी मकसद से राज्य में कैंसर अध्ययन केंद्रों की आवश्यकता को देखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेज योजना को मूर्तरूप देने का आग्रह किया है।
डॉ.पंत के अनुसार अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में केंद्र स्थापित किए जाने को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। यह भी कहा कि अल्मोड़ व श्रीनगर मेडिकल कॉलेज का निर्माण जल्द हो, ठोस प्रयास किए जाएंगे।
== इंसेट==
तो पहाड़ में देना होगा एम्स का स्केल!
रानीखेत : पर्वतीय अंचल में स्वास्थ्य सेवा की बदहाली पर डॉ.एमसी पंत खासे गंभीर दिखे। उन्होंने जहां संसाधनों की कमी को जिम्मेदार ठहराया, वहीं चिकित्सकों को एम्स सरीखे स्केल की ओर इशारा किया। उनका कहना था कि अनुबंध के साथ चिकित्सकों की स्थायी नियुक्ति कर पहाड़ में डॉक्टरों की कमी दूर की जा सकती है। संविदा पर तैनात किये जाने से मनोबल टूट रहा है। कहा कि अल्ट्रासाउंड मशीनें अस्पतालों में लगी हैं तो चलाने वाला नहीं है। ट्रामा सेंटर महज शोपीस बने हैं। यही वजह है कि प्राइवेट सेक्टर बेहतर संसाधन व वेतन के जरिए सरकारी सेक्टर पर हावी हैं। डॉ.पंत ने जोर देकर कहा कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के मुताबिक हमें संसाधन जुटाने होंगे। पहाड़ के सुदूर में अस्पताल तो खोले गए हैं, मगर सुविधाओं का टोटा मरीजों पर भारी पड़ रहा।