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गोवंशीय पशुओं तस्करी रोकने में नाकाम प्रशासन

संवाद सहयोगी, भिकियासैंण (अल्मोड़ा) : गोवंशीय पशुओं की लगातार हो रही तस्करी और उस पर प्रशासन के हाथ ख

By Edited By: Published: Thu, 02 Oct 2014 12:08 AM (IST)Updated: Thu, 02 Oct 2014 12:08 AM (IST)
गोवंशीय पशुओं तस्करी रोकने में नाकाम प्रशासन

संवाद सहयोगी, भिकियासैंण (अल्मोड़ा) : गोवंशीय पशुओं की लगातार हो रही तस्करी और उस पर प्रशासन के हाथ खाली। तस्करों को इस काम में मिल रहा है संरक्षण या फिर ग्रामीण इलाकों में राजस्व पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो जा रहे हैं तस्कर। यह सवाल गोवंशीय पशुओं की लगातार हो रही तस्करी की घटनाओं के बाद मुंह बाए खड़ा है। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन के हाथ तस्करों के गले से काफी दूर हैं।

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बुधवार को भिकियासैंण तहसील में एसडीएम एनएस नबियाल को मुखबिर द्वारा भिकियासैंण से कुछ दूरी पर स्थित खल्टा गधेरे के पास एक ट्रक में गोवंशीय पशुओं के भरे होने की सूचना मिली। जिसके बाद राजस्व उपनिरीक्षक विपिन मठपाल अपनी टीम के साथ मौके की ओर रवाना हुए। लेकिन राजस्व टीम को मौके पर खाली ट्रक के अलावा कुछ नहीं मिला। राजस्व उपनिरीक्षक मठपाल की मानें तो ट्रक संख्या यूपी-21-ए-एन-8133 मौके पर लावारिश हालत में खड़ा था। जबकि उसकी चाबी भी उसी में लगी हुई थी। लेकिन चालक मौके से फरार था। वाहन में पशुओं का मल मूत्र भी मौजूद था। लेकिन इसके बाद भी राजस्व पुलिस ने वाहन को कागजों में लावारिश हालत में दिखाकर उसे तहसील पर लाकर खड़ा कर दिया। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो इस ट्रक में ठूंस ठूंस कर जानवर भरे गए थे और प्रशासन की कार्रवाई की सूचना मिलने पर जानवरों को खल्टा गधेरे में उतार दिया गया। लेकिन प्रशासन को सूचना दिए जाने के बाद भी अभी भी राजस्व पुलिस के हाथ खाली हैं।

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आखिर चाबी क्यों छोड़ गया चालक?

भिकियासैंण : खल्टा गधेरे के पास मिले वाहन को चालक आखिर क्यों चाबी के साथ खड़ा कर छोड़ गया यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। चालक फरार हो गया या उसे फरार होने दिया गया। यह भी जांच का सवाल है। फिलहाल इस वाहन में लदे वाहनों को खल्टा गधेरे के पास छोड़ दिया गया। जबकि पकड़े गए वाहन में न तो वाहन के कागज मिले और न ही चालक का कोई पता चल पाया है। जबकि राजस्व पुलिस हवा में सिर पैर मार रही है।

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मुखबिर की सूचना के बाद मौके पर टीम गई। लेकिन वहां पर खाली ट्रक के अलावा कुछ भी नहीं मिला। ट्रक के पीछे जानवरों का मल मूत्र भी पाया गया है। लेकिन वाहन में कोई मवेशी नहीं मिला। ट्रक को कब्जे में लेकर तहसील में खड़ा कर दिया गया है।

विपिन मठपाल, राजस्व उपनिरीक्षक, भिकियासैंण

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क्या कहता है गोवंश अधिनियम

भिकियासैंण : गौवंश अधिनियम की बात करें तो इस वंश से जुड़े सभी पशुओं को वाहन से इधर उधर ले जाने के लिए मजिस्ट्रेट स्तर की अनुमति काफी जरूरी है। इतना ही पशुओं को जिस वाहन में ले जाया जा रहा उसका समय और समय भी अनुमति पत्र में अंकित होना चाहिए। अधिवक्ताओं की मानें तो पशुओं को वाहनों में लादने से पहले उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाना चाहिए। साथ ही अधिनियम में इस बात का भी उल्लेख है कि वाहन की क्षमता और पशु की सुरक्षा के मद्देनजर ही वाहनों में पशुओं को ले जाया जाएगा। लेकिन इन सब से परे गौवंश अधिनियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।

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चार घटनाओं में पकड़े जा चुके दर्जनों मवेशी

भिकियासैंण : गोवंशीय पशुओं की तस्करी की इस वर्ष की घटनाओं में अब तक पांच दर्जन से अधिक मवेशी पकड़े जा चुके हैं। अकेले भिकियासैंण विकास खंड की बात करें तो जनवरी माह में वाहन संख्या यूपी-21-एएन-9162 से 14, फरवरी माह में वाहन संख्या यूके-04-सीए- 5439 से 10, जुलाई माह में वाहन संख्या यूपी-22-टी-6711 में 16 जबकि अगस्त माह में वाहन संख्या यूके-04-सीए-7336 से 19 बैलों को पकड़ा गया। जिन्हें बड़ी बेदर्दी से वाहनों में ठूंस कर ले जाया जा रहा था।


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