दशक में भी नहीं बना भिकियासैंण-मरचूला मोटर मार्ग
मानिला, सल्ट : क्षेत्र में गगास- उड़ीमहादेव-सैलापानी- भिकियासैंण- मरचूला मोटर मार्ग लोक निर्माण विभाग की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। दस वर्षो पहले मंजूर सड़क का निर्माण न होने से सामाजिक संगठन एवं क्षेत्रीय ग्रामीण खफा हैं। इसके लिए ग्रामीण तीन सितंबर को औनेड़ी पुल आश्रम पर बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाने का निर्णय लिया है।
रामगंगा नदी किनारे बनने वाली महत्वाकंाक्षी भिकियासैंण-मरचूला मोटर मार्ग की मांग सर्वप्रथम वर्ष 1952 में उठी थी। आंदोलनों के चलते वर्ष 2003 में पांच करोड़ 56 लाख रुपये की लागत से सड़क स्वीकृत हुई। लेकिन लोनिवि के गलत सर्वे रिपोर्ट एवं अन्य कागजी कार्यवाही में लेटलतीफी के कारण केंद्र सरकार ने योजना की फाइल बंद कर दी। बंगोड़ा निवासी एवं सूचना अधिकार कार्यकर्ता राकेश नाथ द्वारा मांगी गई सूचना मे लोक निर्माण विभाग की घोर लापरवाही सामने आई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में लोनिवि रानीखेत से सात बिंदुओं पर तीन महीनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया, परन्तु लोनिवि द्वारा तय समय सीमा में स्पष्टीकरण नहीं देने के कारण योजना की फाइल को बंद कर दी गई। उधर लोनिवि अपनी गलती को छिपाने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति एवं ग्रामीणों का सहयोग न मिलने का बहाना बनाता रहा। लोनिवि ने अपने सर्वे में प्रस्तावित मोटर मार्ग की चौड़ाई सात मीटर के स्थान पर नौ मीटर दी थी, जबकि नियमानुसार पहाड़ी क्षेत्रों में सात मीटर से अधिक चौड़ी सड़कें बनाने का अधिकार लोनिवि को नहीं है। गलत सर्वे के कारण मार्ग का क्षेत्रफल 13.842 के स्थान पर 17.797 हो गया। इससे स्पष्ट है कि लोनिवि की गलती के कारण क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण सड़क सुविधा से वंचित हो गए। इससे नाराज ग्रामीण अब सड़क निर्माण के लिए आगामी तीन सितंबर को औनड़ी पुल आश्रम में बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाएंगे।
वर्जन--
-विधानसभा सल्ट की प्रस्तावित 17 सड़कों के लिए वन विभाग एवं पर्यावरण मंत्रालय को कई बार पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री हरीश रावत का गृहक्षेत्र होने से उपरोक्त सड़क के लिए एक नई उम्मीद जगी थी, परंतु राज्य सरकार द्वारा सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो रही है। आचार संहिता के चलते राज्य सरकार को तीन महीने का समय दिया था। सकारात्मक कार्रवाई न होने पर ग्रामीणों के साथ आंदोलन के लिए सड़क उतरेंगे-सुरेन्द्र सिंह जीना, विधायक सल्ट